भोपाल/इंदौर। सूर्य का मीन राशि में 15 मार्च को प्रवेश होने के बाद एक बार फिर अगले महीने से एक माह के लिए शुभ कार्य आदि पर विराम लग जाएगा।
उसके बाद 18 अप्रेल से 3 जुलाई तक मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। इस दौरान हर महीने विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे। हालांकि 15 मार्च तक शुभ मुहूर्त के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, प्राण प्रतिष्ठा होती रहेगी उसके बाद खरमास लग जाएगा।
पंडितों का कहना है कि मीणार्क अर्थात जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है तब विवाह सहित मांगलिक कार्य वर्जित माने गए है। यह खरमास की श्रेणी में आता है। इस बार सूर्य का मीन राशि में प्रवेश 15 मार्च को होगा जो 17 अप्रेल तक रहेगा।
इस दौरान मांगलिक कार्य के अलावा शुभ कार्य गृह प्रवेश आदि वर्जित रहेंगे। उसके बाद 18 अप्रैल से 3 जुलाई तक मांगलिक कार्यों का सिलसिला चलेगा। इस दौरान हर महीने विवाह के शुभ मुहूर्त होने से खूब शादी-ब्याह होंगे।
होलाष्टक का दोष नहीं लगेगा
पंडितों का कहना है कि होलाष्टक लगने के कारण मांगलिक कार्य नहीं किए जाते है लेकिन प्रदेश में होलाष्टक का कोई दोष नहीं लगता है। उन्होंने बताया कि होलाष्टक सिर्फ पंचांबु प्रदेशों अर्थात पांच नदियों रावी, सतलज, व्यास, सिंधु और सरस्वती के तट किनारे बसे प्रदेशों में ही लगता है।
जैसे राजस्थान, पंजाब, गुजरात, जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तरांचल में मांगलिक कार्य नहीं होते है। नर्मदा तटवासियों को होलाष्टक का दोष नहीं होता।
उन संबंधित प्रदेशों के लोग जो मध्यप्रदेश में निवासरत है वे मांगलिक कार्य होलाष्टक में नहीं कर सकते हैं। लेकिन जो प्रदेश के मूल निवासी है उन्हें दोष नहीं लगता है।