कैनबरा। ऑस्ट्रलिया की संसद ने गुरुवार को भारी बहुमत से समलैंगिक विवाह को वैध घोषित कर दिया, जबकि पिछले कई वर्षों से कंजरवेटिव पार्टी संसद में इसका विरोध कर रही थी।
ऑस्ट्रलियाई मीडिया की खबरों के मुताबिक प्रतिनिधि सभा में घंटो चली बहस और भावनात्मक भाषण के बाद सांसदों द्वारा विधेयक के समर्थन में मत देने से माहौल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। केवल चार सांसदों ने विधेयक के विरोध में मत दिया।
विधेयक को अंतिम मत के लिए पेश करते वक्त भावुक प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया है, निष्पक्ष, विविध, प्यारभरा और सभी का सम्मान करने वाला।
घोषणा के बाद टर्नबुल ने कहा कि क्या शानदार दिन है, प्यार के लिए एक दिन, समानता के लिए, सम्मान के लिए। ऑस्ट्रेलिया ने यह कर दिखाया है!
उन्होंने कहा कि आज हमने प्यार और समानता के लिए वोट दिया है। यह वक्त है अधिक विवाह, अधिक प्रेम, और सम्मान के लिए। यह हम सभी से जुड़ा मामला है।
लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टन ने कहा कि नया कानून आधुनिक ऑस्ट्रेलिया के लिए है। जो अधिक समावेशी और निष्पक्ष है। समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक मतदान की प्रशंसा की, और कहा कि यह लंबे समय से विलंबित था। पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, जो समलैंगिक विवाह के कट्टर आलोचक थे, इस मौके पर नरम दिखाई दिए।
एबॉट ने कहा कि बात जब समलिंगी शादियों की आती है, कुछ देशों ने इसे अदालत के माध्यम से हासिल किया, कुछ ने इसे संसद के जरिए हासिल किया और अन्य आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने इसे लोगों के वोट से हासिल किया। उन्होंने कहा कि और यही सबसे सही तरीका है, क्योंकि यह मुद्दे को संदेह से परे हल करता है।
विधेयक अब शाही सहमति के लिए गवर्नर-जनरल पीटर कॉसग्रोव के पास भेजा जाएगा। प्यू रिसर्च के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया दुनिया का 24 वां देश हैं, जिसने समलैंगिक जोड़ों को शादी करने की इजाजत दी हैं।