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मौत का खेल बना क्रिकेट, ह्यूज दुनिया से विदा - Sabguru News
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मौत का खेल बना क्रिकेट, ह्यूज दुनिया से विदा

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नई दिल्ली। शैफील्ड शील्ड मैच के दौरान सीन एबोट के बाउंसर से घायल हुए आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज 25 वर्षीय ह्यूज की अस्पताल में दो दिन तक जिन्दगी की जंग लड़ने के बाद गुरूवार को मौत हो गई। ह्यूज की मौत के बाद एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या क्रिकेट अब मौत का खेल बन गया है? क्या मनोरंजन के नाम पर मौत का सिलसिला बना रहेगा?  आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज की क्रिकेट मैदान पर बाउंसर गेंद लगने से हुई मौत ने इस खेल से मिलने वाली खुशी को काफूर कर दिया है। क्रिकेट खिलाड़ी ही नहीं बल्कि क्रिकेट प्रेमी भी सकते में हैं। क्रि केट में खिलाडियों की सुरक्षा को लेकर बहस चल पड़ी है।



अकेले फिलिप ह्यूज ही ऎसे खिलाड़ी नहीं है जो क्रिकेट के मैदान पर हादसे का शिकार बने। उनसे पहले भी ऎसे कई दर्दनाक हादसे क्रिकेट के मैदान पर हो चुके हैं। हालांकि ह्यूज एकमात्र ऎसे क्रिकेटर नहीं है जो इस तरह के दुखद हादसे के शिकार हुए। पूर्व भारतीय ओपनर रमन लांबा भी मैदान पर एक दर्दनाक हादसे का शिकार बने थे। साल 1998 में ढाका में एक क्लब मैच के दौरान फील्डिंग करते समय लांबा के सिर के पीछे गेंद आकर लगी। उन्हें दिमागी चोटें आई जिससे वह उबर नहीं सकें और 38 वर्षीय इस क्रिकेटर की मौत हो गई।

बीते साल दक्षिण अफ्रीका के 32 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज डैरेनरैनडाल एक घरेलू मैच के दौरान क्रीज पर आगे आकर एक शाट लगाने का प्रयास कर रहे थे तभी गेंद उनके सिर पर आकर लगी। वह मैदान पर ही गिर पड़े और फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई।

साल 2013 में ही पाकिस्तान के 22 वर्षीय युवा बल्लेबाज जुल्फिकार भट्टी भी एक ऎेसे ही खतरनाक हादसे का शिकार बने। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में एक क्लब मैच में बल्लेबाजी के दौरान गेंद भट्टी की छाती पर लगी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पाकिस्तान के ही 18 वर्षीय युवा विकेटकीपर अब्दुल अजीज की साल 1959 में कराची में एक घरेलू मैच के दौरान छाती में गेंद लगने से मृत्यु हो गई थी। इंग्लैंड के 33 वर्षीय तेज गेंदबाज रिचर्ड व्यूमोंट 2012 में एक क्लब मैच के दौरान हार्ट अटैक के कारण मैदान पर गिर गए। रिचर्ड को हवाईजहाज से बर्मिघम के एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह वापस मैदान पर लौट नहीं पाए।

इससे पहले वष्ाü 2006 में पाकिस्तान के बल्लेबाज वसीम राजा की बकिंघमशायर में मार्लो में सरे के लिए खेलते हुए हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी। मैदान पर गेंद लगने से केवल खिलाडियों की ही मौत नहीं हुई बल्कि अंपायर भी ऎसे हादसों के शिकार बने। वर्ष 2009 में इंग्लैंड के 72 वर्षीय अंपायर एल्विन जेनकिंस के सिर में फील्डर द्वारा थ्रो की गई एक गेंद लगी जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

वर्ष 1993 में एक घरेलू मैच के दौरान इंग्लैंड के 30 वर्षीय गेंदबाज इयान फोले जब शाट खेलने की कोशिश कर रहे थे तब उनकी आंख में आकर गेंद लगी। बाद में अस्पताल में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।

मिडिलसेक्स और इंग्लैंड के बाएं हाथ के बल्लेबाज विल्फ स्लेकगांबिया में बल्लेबाजी करते हुए अचानक बेहोश हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। हालांकि उनकी मौत की वजह नहीं पता चल सकी लेकिन पहले भी वह मैदान पर कई बार बेहोश हो चुके थे।

साल 1942 में इंग्लैंड के 56 वर्षीय एंडी डुकेट लाडर्स में एक टेस्टमैच में ह्वदयाघात के कारण बेहोश होकर मैदान पर गिर पड़े। बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी। लाड्र्स में ही वर्ष 1870 में एमसीसी के खिलाफ खेलते हुए नाटिंघमशायर के 25 वर्षीय बल्लेबाज जार्ज समर्स जब मैदान में बल्लेबाजी कर रहे थे तब उनके सिर में एक गेंद आकर लगी। सिर में लगी चोट के कारण कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई।

किस्मत के धनी हैं नारी कांट्रेक्टर जो बच गए

एक समय वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज की गेंद से सिर में घातक चोट लगने के बावजूद जिंदगी की जंग जीतने वाले पूर्व भारतीय कप्तान नारी का ंट्रेक्टर ने आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज की इसी तरह सिर पर गेंद लगने से मौत को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कांट्रेक्टर ने कहा कि यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी सहानुभूति उनके परिवार के साथ है। इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं।

कांट्रेक्टर को भी इसी तरह की गंभीर चोट से जूझना पड़ा था। वेस्टइंडीज में साल 1962 में बारबाडोस के खिलाफ भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे कांट्रेक्टर के सिर में तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की गेंद आकर लगी जिससे उन्हें गंभीर दिमागी चोटें आई। जमैका में हुआ यह दूसरा टेस्ट मैच कांट्रेक्टर के अंतरराष्ट्रीय करियर का 31वां और आखिरी मैच रहा।

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के दिमाग में काफी चोटें आई और कई सर्जरी तथा चोटिल स्थान पर स्टील की प्लेट लगाकर नारी की जान बचाई गई। इसके बाद कैरेबियाई द्वीप पर ही उन्होंने अपना 28वां जन्मदिन मनाया। नारी हमेशा कहते आए हैं कि आधुनिक क्रिकेट गियर्स विशेषकरहेलमेट ने खेल को बदल दिया है लेकिन ह्यूज को आई गंभीर चोटों से वह हैरान है कि यह घटना कैसे हुई।

उन्होंने कहा कि क्रिकेटरों द्वारा हेलमेट का इस्तेमाल किए जाने के बाद मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऎसा कुछ हो सकता है लेकिन दुर्घटनाएं होती है और यह उन्हीं में से एक थी। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए हेलमेट की गुणवत्ता मेंसुधार के बारे में नारी ने कहा कि मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा है कि उन्होंने उच्चतम गुणवत्ता का हेल्मेट नहीं पहन रखा था।

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