नई दिल्ली। भारतीय वाहन उद्योग को सिर्फ सरकार ही नहीं उत्सर्जन मानकों पर अन्य मसलन उच्चतम न्यायालय या राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी से स्थिति में स्पष्टता का इंतजार है क्योंकि चीजें और जटिल होती जा रही हैं। जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी मर्सिडीज बेंज ने यह बात कही है।
मर्सिडीज बेंज ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा भारत चरण-तीन बीएस-तीन वाहनों पर प्रतिबंध वाहन उद्योग के लिए एक सीखने वाला सबक है जिससे 2020 में बीएस-छह उत्सर्जन मानक लागू हों तो इसी तरह की असमंजस की स्थिति पैदा न होने पाए।
मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोलैंड फॉल्गर ने कहा कि हमें यह समझ आ रहा है कि यदि आप कड़ाई से सभी कानूनों का पालन करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उच्चतम न्यायालय और एनजीटी जैसा कोई निकाय उन मुद्दों को नहीं लेगा जो स्वास्थ्य को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रहे हैं।
हालांकि, फॉल्गर ने कहा कि बीएस-तीन वाहनों पर प्रतिबंध लगने से उन्हें सकारात्मक रूप से हैरानी हुई है। इससे कंपनी की यह बात सही साबित होती है कि पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ी है।