भोपाल। किसानों की हालत कितनी बदतर हो गई है इसकी स्थिति आंकडों पर नजर डालने से पता पडती है। पिछले आठ महीनों में करीब 1541 किसान व खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। इसका मतलब प्रतिदिन 6-7 किसान मौत को गले लगा रहे हैं।
विधानसभा में कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत के सवाल के जवाब में गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके पहले कांग्रेस विधायक रावत ने प्रदेश में किसानों की आत्महत्या से जुड़े सवाल को लेकर सरकार को कटघरे में खड़े करने की कोशिश की। गृहमंत्री गौर ने बताया कि राज्य में सबसे अधिक खरगौन में 144 किसानों व खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने के पीछे गृह कलश, दहेज प्रताडना, नशाखोरी, प्रेम प्रसंग मुख्य कारण रहे। उन्होंने कहा कि मृतकों में मुख्यतरू गृहणी, मजदूर, किसान, कृषि मजदूर और छात्र शामिल हैं।