नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक घंटे की उड़ान का किराया 2500 रुपए तय कर दिया है। शुक्रवार को इस सिलसिले में महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ की घोषणा की गई।
इस मौके पर अशोक गजपति राजू ने कहा कि इस योजना के तहत पहली उड़ान जनवरी 2017 में होगी और हमें उम्मीद है कि यह योजना आम लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगी।
केन्द्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य है ‘उड़े देश का आम नागरिक’। वैश्विक स्तर पर यह अपनी तरह का पहला मामला है। हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जो पहले कहीं नहीं किया गया।
यह योजना सामर्थ्य, कनेक्टिविटी,वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करती है। हितधारकों औऱ नागरिकों दोनों को इसका फायदा मिलेगा। इससे क्षेत्रीय संपर्क को तो बढ़ावा मिलेगा ही, इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
सिलीगुड़ी में 15 किलो सोने के बिस्किट के साथ दो लोग अरेस्ट
उन्होंने कहा कि इस योजना के पीछे सोच थी कि उड़ान की दर ऐसी हो कि निहायत आम लोग भी इसका लाभ उठा सकें। इससे राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास का मौका मिलेगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
जाहिर है, व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। हवाई अड्डा संचालकों और मूल उपकरण निर्माताओं को भी अपने व्यवसाय के विस्तार का मौका मिलेगा।
नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने कहा कि शुल्क से संबंधित नियम राजपत्र में दो दिन में प्रकाशित किए जाएंगे और इस संदर्भ में सरकारी आदेश माह के अंत तक जारी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शुल्क ‘बहुत कम’ होगा। लाभदायक मार्गों पर शुल्क से हवाई किराये में वृद्धि की संभावना है।
अपने सात रेंजरों की मौत से बौखलाया पाक, की फायरिंग
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गत 1 जुलाई को इस योजना का मसौदा पेश किया था। इसके तहत ऐसी उड़ानों में 50 प्रतिशत सीटों के लिए एक घंटे की उड़ानों के लिए किराया दर 2,500 रुपए (सभी कर शामिल) करने की मंशा जताई थी।
शेष सीटों के लिए किराया बाजार आधारित होगा। प्रमुख मार्गों पर हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को क्षेत्रीय संपर्क योजना के वित्तपोषण के लिए अधिक भुगतान करना होगा।
इस योजना में टिकट मूल्य की सीमा तय करने के अलावा विमान सेवाओं से वंचित या कम सेवाओं वाले क्षेत्रों को विमान सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इच्छुक विमान कंपनी और हेलीकाप्टर ऑपरेटर जहां कोई कनेक्टिविटी न हो, कार्यान्वयन एजेंसी को प्रस्ताव देकर इस योजना की शुरुआत कर सकते हैं। ऑपरेटरों को विभिन्न रियायतों के अलावा वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) भी मिलेगी।