नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय अयोध्या मामले में मालिकाना हक पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर आठ फरवरी, 2018 से सुनवाई शुरू करेगा।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2010 के अपने फैसले में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल निर्मोही अखाड़ा, भगवान राम देवता व सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांटने की बात कही थी।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश अशोक भूषण व न्यायाधीश एस.अब्दुल नजीर की पीठ ने सभी वकीलों को निर्देश दिया कि वे इस मामले पर सौहार्द्रपूर्वक काम करें और सुनिश्चित करें कि पहले यदि कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए हैं, तो उन सभी दस्तावेजों को दाखिल किया जाए।