लखनऊ/रामपुर। समाजवादी पार्टी के महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि गुलामी की निशानियों को मिटा देना चाहिए। ताजमहल एक गुलामी की निशानी है और इसके लिए आखिरी फैसला केन्द्र सरकार को लेना है।
आजम खां ने मंगलवार को अपने गृह जनपद रामपुर में ताजमहल पर आ रहे विवादित बयानों से नाखुश होकर कहा कि देश में शासकों द्वारा बनाए गए ताजमहल के अलावा कुतुबमीनार, लाल किला ये सब कुछ वह निशानी है, जो गुलामी की मानसिकता को दिखाती है।
गुलामी की निशानियों को गिरा देना चाहिए। देश में गुलामी की उन सभी निशानियों को मिटा देना चाहिए जो पहले के शासकों द्वारा बनाई गईं हैं।
उन्होंने कहा कि ताजमहल पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेना है। प्रधानमंत्री मोदी का फैसला ही माना जा रहा है। कोई बयान दे रहा है तो किससे पूछकर दे रहा है। वैसे मांस बेचने वालों को अपनी राय देने का अधिकार नहीं है, फिर वह अपनी राय रख रहे हैं। आज गुलामी की निशानी कहने वालों का पूरे देश में राज हैं और वह कुछ भी कह सकते हैं।
गुलामी के निशानी के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि देश में शासकों द्वारा बनाए गए ताजमहल के अलावा कुतुबमीनार, लाल किला ये सब कुछ वह निशानी है, जो गुलामी की मानसिकता को दिखाती है। गुलामी की निशानियों को गिरा देना चाहिए।