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Azam khan's son abdullah contest from Suar constituency
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छोटे आज़म की सियासी एंट्री, स्वार सीट से लड़ेंगे चुनाव

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छोटे आज़म की सियासी एंट्री, स्वार सीट से लड़ेंगे चुनाव
Azam khan's son abdullah contest from Suar constituency
Azam khan's son abdullah contest from Suar constituency
Azam khan’s son abdullah contest from Suar constituency

लखनऊ। विधानसभा चुनाव के महासमर में इस बार कई सियासी सूरमाओं के बेटे भी अपनी किस्मत आजमाएंगे। इनमें सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक और काबिना मंत्री आज़म खां के बेटे अब्दुल्ला आज़म का नाम प्रमुख है। उन्हें पार्टी ने रामपुर की स्वार विधानसभा से टिकट दिया गया है।

अब्दुल्ला आज़म खां के छोटे बेटे हैं। 26 वर्ष के अब्दुल्ला बीते लोक सभा चुनाव के समय से ही पिता के साथ सक्रिय तौर पर देखे जा सकते हैं। उनके सियासत में उतरने की चर्चायें भी रामपुर की फिजाओं में काफी पहले से थीं।

नोएडा के गलगोटिया विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एम.टेक कर चुके अब्दुला मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय के सीईओ भी हैं। इसके साथ ही जब आज़म रामपुर में नहीं होते हैं, तो उनकी सियासत और अहम मामलों पर निर्णय लेने का दारोमदार भी अब्दुल्ला पर ही होता है।

एक तरह से अब्दुल अपने पिता के साये में सियासत की बारीकियां सीख रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के नौजवान कार्यकर्ताओं की भी एक टीम बनायी है, जिससे अब वह अपने पिता के साथ-साथ अपनी चुनावी क्षेत्र में भी इस्तेमाल करेंगे।

अब्दुल्ला रामपुर की जिस स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उस पर नजर डालें तो यहां से नवाब काज़िम अली खान कांग्रेस से विधायक चुने गए, लेकिन कुछ समय पहले वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। काज़िम की मां बेगम नूर बानो और आज़म खां एक दूसरे के धुर सियासी विरोधी हैं।

बेगम बानो कई बार रामपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोक सभा का चुनाव जीत चुकी हैं। आज़म और बेगम के परिवार की अदावत किसी से छिपी नहीं है। वहीं स्वार सीट पर लोगों की निगाहें अभी से टिक गई हैं। दरअसल आज़म के विरोध के बावजूद काज़िम हर बार चुनाव जीतने में सफल होते हैं।

इसलिए इस बार आज़म ने अपने बेटे के जरिए काज़िम से सीधे तौर पर दो-दो हाथ करने का मन बनाया है। अगर अब्दुल्ला चुनाव जीतने में सफल होते हैं, तो न सिर्फ इसे उनकी बड़ी सियासी जीत माना जायेगा, बल्कि काज़िम का सियासी रास्ता रोकने के लिए वर्षों से दबी आज़म की इच्छा भी पूरी हो जाएगी।

खास बात है कि इस उम्मीदवारी के साथ आज़म के परिवार का तीसरा सदस्य भी सक्रिय राजनीति में आ गया है। आज़म जहां दशकों से सियासत में हैं। वहीं उनकी मां तंजीम फातिमा सपा की राज्यसभा सांसद हैं।