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Azamgarh : amar Singh old friendship with Sipu Singh
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आजमगढ़ में फंसे अमर सिंह, एक तरफ दोस्ती तो दूसरी तरफ वादा

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आजमगढ़ में फंसे अमर सिंह, एक तरफ दोस्ती तो दूसरी तरफ वादा
samajwadi party leader amar singh
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आजमगढ। एक समय में केन्द्र से लेकर प्रदेश सरकार तक बचाने का मददा रखने वाले ठाकुर अमर सिंह अब अग्नि परीक्षा शुरू हो गई है। इस बार के विधान सभा चुनाव में उन्हे विपरित परिस्थियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ किया गया वादा तो दूसरी तरफ दोस्ती। हालत यह है कि पहली बार अमर सिंह पूरी तरह से फंसते दिख रहे हैं।

विधानसभा चुनाव 2017 का बिगुल फूंका जा चुका है आजमगढ़ जिले के सगड़ी विधानसभा क्षेत्र में एक तरफ जहां सपा सुप्रिमों मुलायम सिंह यादव के प्रत्याशी है तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक सीपू सिंह की पत्नी चुनाव मैदान में है।

ठाकुर अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से निकलने के बाद पूरे प्रदेश में सीपू सिंह ही एक ऐसे सख्श थे जो सबसे पहले समाजवादी पार्टी को छोड़कर अमर सिंह के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़ा हो गये थे।

सीपू सिंह की हत्या के बाद अमर सिंह ने आजमगढ से लखनउ तक वादा किया था कि वह सीपू सिंह के परिवार को हर समय साथ निभाएंगे। लेकिन अब परिस्थियां विपरित हो गई।

ठाकुर अमर सिंह अब समाजवादी पार्टी में है तो वही उनके दोस्त की पत्नी बन्दना सिंह बहुजन समाजवादी के पार्टी के टिकट पर सगड़ी विधान सभा सीट से मैदान में है। अब सवाल यह है कि अमर सिंह सपा सुप्रिमों से दोस्ती निभायेगें या अपने दोस्त से किया गया वादा।

गौरतलब है कि सपा सुप्रिमों मुलायम सिंह यादव और ठाकुर अमर सिंह की दोस्ती किसी से छिपी नही है। यह अलग बात रही की 2009 से 2016 के बीच इनके राजनीतिक सम्बन्ध अच्छे नही रहे। लेकिन आपसी सम्बन्ध मधुर जरूर रहे।

इस दौरान अमर सिंह ने लोकमंच का गठन कर नई पार्टी बनाई लेकिन इस दौरान वह कभी भी सपा सुप्रिमों और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कुछ नहीं बोला। अमर सिंह और सीपू सिंह के पिता पूर्व मंत्री रामप्यारे सिंह में गहरी दोस्ती थी।

सपा सरकार में रामप्यारे सिंह को मंत्री बनाने में अमर सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी सीपू को अमर सिंह अपने पुत्र की तरह मानते थे यही वजह थी जब अमर सिंह सपा से निष्कासित हुए तो विधायक सर्वेश सिंह सीपू ने भी सपा छोड दी। लेकिन उन्हे अपनी पार्टी लोकमंच में शामिल नही कराया और बसपा में शामिल करा दिया।

बसपा में शामिल कराने का अमर सिंह उददेश्य सीपू के भविष्य को लेकर था। लेकिन 2012 के चुनाव में बसपा से चुनाव लड़ते हुए सीपू सिंह हार का सामना करना पड़ा। इसी बीच जुलाई 2013 को सीपू सिंह की हत्या कर दी गई। इसके बाद सीपू सिंह के आवास पर आए अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी पर खुलकर हमला बोलना शुरू कर दिया और मामले की सीबीआई जांच के लिए के आन्दोलन तक छेड़ दिया था।

सरकार ने स्थिति को भांप कर सीबीआई जांच के आदेश भी दे दिए थे। उसी समय अमर सिंह ने सीपू सिंह की पत्नी बन्दना सिंह से वादा किया कि वे उनके साथ हर कदम पर सहायता के लिए खड़े होंगे। इसी दौरान बसपा सुप्रिमों ने बन्दना सिंह को सगड़ी विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया।

लेकिन हाल में ही अमर सिंह अब समाजवादी पार्टी में फिर वापस आ गए लेकिन सीपू सिंह की पत्नी बन्दना सिंह अब भी बसपा में ही है जिसके बाद अब लोग कयास लगा रहे है कि यहां पर अमर सिंह आने वाले चुनाव में क्या रणनीति होगी।