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Azam's speech in controversial Acharya Narendra Dev mansion faizabad
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विवादों से घिरी आचार्य नरेन्द्रदेव कोठी में होगा आजम का भाषण

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विवादों से घिरी आचार्य नरेन्द्रदेव कोठी में होगा आजम का भाषण
Acharya Narendra Dev mansion faizabad
Acharya Narendra Dev mansion faizabad
Acharya Narendra Dev mansion faizabad

फैजाबाद। कोहनूर पैलेस के नाम से आज पहचान रखने वाला यह आॅलीशान भवन कभी समाजवादी पुरोधा आचार्य नरेन्द्रदेव की कोठी के रूप में समाजवादियों में विख्यात था।

सुनियोजित योजना के तहत संसदीय कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, जल सम्पूर्ति, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन शहरी विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री उप्र मोहम्मद आजम खां को इस विवादित परिसर में 20 जुलाई को आयोजित होने वाले ईद मिलन समारोह में भाषण देने के लिए बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया है। साफ है कि इस कद्दावर मंत्री के प्रभामंडल के बलबूते फैजाबाद से लेकर दिल्ली तक कोठी को आजाद करने की छिड़ी मुहिम पर विराम लगवाना है।

गौरतलब है कि जब कारोबारी सिंडीकेट द्वारा आचार्य नरेन्द्रदेव कोठी को खरीदा गया और उसे होटल का स्वरूप दिया जाने लगा तो लोकतंत्र रक्षा सेनानियों ने इसका प्रबल विरोध करना शुरू कर दिया लोकतंत्र रक्षा सेनानी रमेश शर्मा ने बाकायदा ऐलान कर दिया कि किसी भी सूरत में समाजवादियों की इस विरासत को होटल में तब्दील नहीं होने दिया जायेगा।

फैजाबाद सहित प्रदेश के तमाम समाजवादियों ने प्रेस क्लब फैजाबाद, लखनऊ, गांधी मैदान के अलावां दिल्ली के जंतर मंतर मैदान में धरना प्रदर्शन कर सरकार से मांग किया कि इस कोठी को अधिगृहित कर तथा व्यापारी के चंगुल से मुक्त करा आचार्य नरेन्द्र देव स्मारक बनवाया जाए।

चूंकि समाजवाद के जनक में से एक आचार्य नरेन्द्र देव थे और इसी कोठी में देशभर के समाजवादी पुरोधाओं का जमावाड़ा लगा रहता था। आचार्य जी को उनके बड़े भाई बलदेव ने कोठी में समाजवादी गतिविधियों को चलाने के लिए अनुमति दे रखी थी।

आचार्य के वंशज राजश्री खत्री ने भी कोठी को इस तरह बेचने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे समाजवादियों की ही नहीं बल्कि हम लोगों की भी भावनाएं आहत हुई हैं कोठी में जहां गरीब गुर्गों के कल्याण और सामाजिक एकरूपता पर चिंतन मंथन होता था वहां होटल खुल जाने के बाद मदिरा में मदहोश लोग पहुंचने लगेंगे जो इस कोठी की भावनाओं के विपरीत है।

समाजवादी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल मोरारका ने तो यहां तक कह डाला था कि उत्तर प्रदेश सरकार पहल करे, व्यापारी को मुंहमांगी कीमत वह स्वयं देंगे और आचार्य नरेन्द्रदेव कोठी को समाजवादी स्मारक बनवाने में उत्तर प्रदेश सरकार की मदद करेंगे।

प्रदेश की समाजवादी सरकार के मुखिया मुलायम सिंह यादव भी इस मुद्दे को लेकर गम्भीर थे परन्तु प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण की कोई कार्यवाही नहीं की अब सपा सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खां को इस विवादित परिसर में बुलवाकर मामले को सियासी मोड़ देने का प्रयास किया जा रहा है।

वास्तविकता यह है कि पुरातत्व विभाग ने भी कोठी के रूप बदलने पर आपत्ति दर्ज कराया था उसका कहना था कि गुलाबबाड़ी स्मारक से आचार्यनरेन्द्र देव कोठी एकदम सटी हुई है नियमानुसार किसी संरक्षित इमारत के 200 मीटर की परिधि में कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता है।

अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण ने भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए होटल के रेस्टोरेंट को सील कर दिया था। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना था कि इस भवन के क्रेता बिना नक्शा पास कराए और बिना प्राधिकरण की अनुमति से रेस्टोरेंट का निर्माण करा रहे हैं।

बताते चलें कि आचार्य नरेन्द्रदेव की कोठी को होटल के रूप में तब्दील हो जाने में सपा जिलाध्यक्ष जयशंकर पाण्डेय और उनके भांजे राज्यमंत्री तेजनारायण पाण्डेय का भी मौन समर्थन था। काबीना मंत्री आजम खां अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भी हैं फैजाबाद शहर में तमाम वक्फ की जमीनों पर कायदे कानूनों को ताख पर रखकर कालोनियां बनाई जा चुकी है और बनाई जा रही हैं।

परन्तु उन्होंने कभी यह जानने का प्रयत्न नहीं किया कि वक्फ जमीन की खरीद फरोख्त कैसे और क्यूं की जा रही है। बीच शहर में ही वक्फ की जमीनों पर ऐशगाह बन गए हैं परन्तु अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री उधर नजर इसलिए नहीं डाल रहे हैं क्योंकि यह सब कार्य उन्हीं की पार्टी के मंत्रियों और नेताओं के संरक्षण में हो रहा है।