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why babulal marandi makes distance with nitish kumar
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अजित सिंह के बाद अब बाबूलाल मरांडी ने बढ़ाई नीतीश से दूरी

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अजित सिंह के बाद अब बाबूलाल मरांडी ने बढ़ाई नीतीश से दूरी
why babulal marandi makes distance with nitish kumar
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रांची। यूपी के बाद अब झारखंड में गैर भाजपाई दलों को एकजुट करने का नीतीश कुमार का सपना टूटता नजर आ रहा है। चौधरी अजित सिंह के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और नीतीश कुमार के बीच दूरियां बढ़ने लगी है।

नीतीश कुमार शनिवार को रांची आए लेकिन बाबूलाल मरांडी उनके साथ नहीं दिखे। मरांडी गोडडा में थे। इसके पहले नीतीश कुमार का कार्यक्रम बोकारो, धनबाद और रांची में हुआ था। लगभग सभी कार्यक्रमों में मरांडी और नीतीश कुमार साथ-साथ होते थे।

नीतीश के प्रत्येक झारखंड दौरे पर उनकी अगवानी से लेकर मंच साझा करने तक की जिम्मेवारी मरांडी संभालते थे। लेकिन इस बार वे नीतीश के झारखंड दौरे से दूर-दूर ही दिखाई पड़े।

नीतीश कुमार के जमशेदपुर के कार्यक्रम का जो कार्ड बांटा गया था उसमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का नाम था लेकिन मरांडी का नाम नहीं था। नीतीश कुमार के जमशेदपुर के कार्यक्रम में बाबूलाल की गैरमौजूदगी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार का यह कार्यक्रम काफी पहले से तय था। इसके बावजूद बाबूलाल मरांडी कार्यक्रम में शामिल न होकर गोडडा चले गए। मामले में प्रतिक्रिया देते हुए झाविमो प्रवक्ता सरोज सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जमशेदपुर का कार्यक्रम एक खास समाज का था इसलिए बाबूलाल जी कार्यक्रम में नहीं गए।

पार्टी का कार्यक्रम पहले से गोड़डा में चल रहा था इसलिए बाबूलाल जी वहां चले गए थे। वहीं जदयू उपाध्यक्ष कृष्णानंद मिश्र ने कहा कि नीतीश कुमार का जमशेदुपर में सांस्कृतिक कार्यक्रम था। इस तरह के कार्यक्रमों में किसी को बुलाने या न बुलाने की जिम्मेवारी आयोजक की होती है। इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार और बाबूलाल मरांडी की जोड़ी की चर्चा झारखंड में आम है। बात झारखंड विकास मोर्चा केेे जदयू में विलय तक पहुंच गई थी।

कहा यह जा रहा था कि किसी भी दिन दोनों दलों के बीच विलय हो सकता है। लेकिन यह विलय खटाई में पड़ता चला गया और अंततः इस पर मुहर नहीं लग सका।