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पाकिस्तान के हसन अब्दल शहर में बैसाखी का जश्न शुरू - Sabguru News
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पाकिस्तान के हसन अब्दल शहर में बैसाखी का जश्न शुरू

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पाकिस्तान के हसन अब्दल शहर में बैसाखी का जश्न शुरू
Baisakhi celebration begin in Pakistan
Baisakhi celebration begin in Pakistan
Baisakhi celebration begin in Pakistan

लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसन अब्दल शहर में भारत के 1400 से ज्यादा सिखों ने शुक्रवार को बैसाखी का जश्न मनाया। यह स्थान सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है।

इवाकुई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड ईटीपीबी के अधिकारियों और पाकिस्तान सिख गुरद्वारा प्रबंधक समिति के अधिकारियों ने भी इस उत्सव में भाग लिया।

ईटीपीबी अध्यक्ष सिद्दीकुल फारूक ने उत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बोर्ड यहां आने वाले यात्रियों का सम्मान करता रहेगा।

उन्होंने कहा कि ईटीपीबी ननकाना साहिब में गुरू नानक विश्वविद्यालय और तक्षशिला में गांधार विश्वविद्यालय की स्थापना कर रहा है।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोग शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संघीय उच्च शिक्षा आयोग ने प्रत्येक योजना के लिए एक अरब रुपए आवंटित किए हैं और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा।

बैसाखी 17वीं सदी का सबसे प्राचीन त्योहार है जो सौर वर्ष की शुरूआत और फसल के मौसम को चिन्हित करता है। यह सिखों का महत्वपूर्ण त्योहार है जो दसवें सिख गुरू गुरू गोबिंद सिंह द्वारा 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

इस त्योहार का जश्न मनाने के लिए सिख धर्म के श्रद्धालु हसन अब्दल में गुरद्वारा पंजा साहिब में उमड़ते हैं। उत्सव की शुरआत तब होती है जब श्रद्धालु सुबह होने से पहले गुरद्वारों और मंदिरों की ओर कूच करते हैं।

भारतीय सिख गुरद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब, फरूकाबाद में गुरद्वारा सच्चा सौदा, गुरद्वारा करतारपुर साहिब नरोवाल और गुरद्वारा डेरा साहिब लाहौर भी जाएंगे।

यात्री 18 अप्रेल को गुरद्वारा डेरा साहिब लाहौर, 19 अप्रैल को करतारपुर नरोवाल जाएंगे और उसी दिन वापस लौट आएंगे।

बैसाखी पर केन्द्रित एक सम्मेलन भी 20 अप्रेल को लाहौर में आयोजित किया जाएगा जिसमें पंजाब के राज्यपाल मलिक रफीक रजवान मुख्य अतिथि होंगे। श्रद्धालु 21 अप्रेल को स्वदेश लौट आएंगे।