Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
balika kaushal vikas camp ajmer
Home Rajasthan Ajmer बालिका कौशल विकास शिविर : गर्ल्स सीख रहीं विभिन्न कोर्स

बालिका कौशल विकास शिविर : गर्ल्स सीख रहीं विभिन्न कोर्स

0
बालिका कौशल विकास शिविर : गर्ल्स सीख रहीं विभिन्न कोर्स
balika kaushal vikas camp ajmer
balika kaushal vikas camp ajmer
balika kaushal vikas camp ajmer

अजमेर। पण्डित दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में ऑल सेंट बालिका विद्यालय में चल रहे बालिका कौशल विकास शिविर के दूसरे दिन भी बालिकाओं ने पूरी तन्मयता के साथ शिरकत की।

महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने बताया कि कैम्प में बालिकाओं को स्वावलम्बि बनाने के लिए जो कार्स सिखाए जा रहे हैं उनमें दूसरे दिन फैशन डिजाइन में मोनिका चौधरी व वर्षा मोनिका सैम्यूल ने रनिंग स्टीच, बैक स्टीच, चैन स्टीच के गुर सिखाए।

शू मैकिंग के अन्तर्गत एफडीडीआई जोधपुर के राहुल यादव, सुनील चौहान, संजीव कुमार और मनोज वर्मा ने फुटवीयर स्टाईस, साइजिंग सिस्टम में इंग्लिस स्टाईल, फ्रेंच साईज बनाना सिखाया।

मसाला खादय सामग्री के विनोद शर्मा, नन्दनी जैन ने मैंगो शैक, गुलाब का शर्बत बनाना, बंधेज एवं गोटा में नीतू रूघवानी, शितेस शर्मा ने बंधेज के कपड़ें को बांधकर डाई करना सिखाया। ब्यूटी पार्लर में नीलोफर और ज्योति ने वैक्सिंग और ब्लीच के गुर बताए।

कढ़ाई में पुष्पा शर्मा और निशा ने कपड़े पर फैदर स्टीच और पैच वर्क कटिंग, सिंधी कढ़ाई, फ्लाई, हैरिंगवौन स्टीच कैसे करते हैं बालिकाओं को सिखाया। बालिकाओं को मेहंदी में किरन द्वारा राजस्थानी फूल पत्ती लगाना, कोण चलाना, हाथों पर प्रेक्टिकल करके सिखाया।

ज्वैलरी मैकिंग में शांता देवी ने रोलाइन की मसाला चूड़ी बनाना सिखाया। बालिकाओं को नृत्य का प्रशिक्षण नीरज दे रही हैं जिसमें घूमर और राजस्थानी नृत्य सिखाया गया। बालिकाओं को वेस्ट मैटेरियल को किस प्रकार काम में लिया जा सके इसके लिए संजय सेठी ने टमाटर पर जोकर, सब्जियों से कार्टून, क्ले से गणपति बनाना सिखाया।

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी दीपक शर्मा ने सिखाई जिसमें फोटोग्राफी का महत्व, समाज में भूमिका और इसके बारे में तकनीकि जानकारी दी।

शिविर प्रभारी व पूर्व विधायक हरिश झामनानी ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर में बालिकाओं की कल्पनाएं क्ले आर्ट के माध्यम से विभिन्न आकारों में ढल रही है। क्ले आर्ट में लगभग 300 बालिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को मिट्टी की विभिन्न कलाकृतियां बनाना सिखाया जा रहा है।

शिविर में पहले दिन से ही बालिकाओं ने अपनी कल्पनाओं को मूर्तरूप देना आरम्भ कर दिया। प्रशिक्षण के उपरान्त बालिकाएं मिट्टी से सजावटी सामान, मूर्तियां, खिलौने एवं परम्परागत कलाकृतियों का निर्माण कर रही है।

बालिकाओं ने मिट्टी तैयार करके कलाकृतियां बनाना आरम्भ किया है। अगले चरण में उन्हें डीपो पेन्ट, वॉटर कलर एवं क्लीयर वार्निस का उपयोग कर कलाकृति को आकर्षक, चमकदार एवं जलरोधी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

शिविर में मंगलवार को उद्योगपति आरएस चोयल ने बालिकाओं को सफलता और उनके व्यक्तित्व विकास के मंत्र बताएं। चोयल ने कहा कि सफलता का आरम्भ एक सपने से होता है। बड़ी सोच के साथ बड़ा सपना देखा जाना आवश्यक है। सपना रेस्टोरेन्ट खोलने से आगे बढ़कर विशेष थीम वाली रेस्टोरेन्ट श्रृंखला खोलने का होना चाहिए। विश्व के समस्त बड़े व्यवसायों का आरम्भ इसी प्रकार होता है।

सफल व्यक्ति की शुरूआत छोटे कार्य से होती है। उनकी सोच और सपने को सच करने में लगायी गई ऊर्जा उन्हें उस मुकाम तक पहुंचा देती है।

उन्होंने कहा कि सपने और सोच के अनुसार हमारा अवचेतन मन कार्य करने लगता है। अवचेतन मन को बार-बार किसी कार्य की चाहत विकसित होने से पूरी कायनात उसे सफल करने में जुट जाती है। सकारात्मकता के साथ सोचने से प्रकृति हमें आगे बढ़ने के लिए संदेश देना आरम्भ कर देती है। प्रत्येक संदेश आपको सफलता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा देता है।

अवचेतन मन के संदेशों को कई बार आत्मा की आवाज भी कहते है। इन्हें समझने की काबिलियत आने से व्यक्ति दीवार के पार भी देख सकता है। ढृढता के साथ मानस बनाकर सफलता का विचार लेने से आगे के रास्ते अपने आप खुलने लगते है।

उन्होंने कहा कि किसी एक शब्द की कल्पना सबके मानस पर अलग-अलग चित्रा उकेरती है। यह कल्पना हमारी सफलता का स्तर तय करती है। इस कल्पना और सफलता के बीच की दूरी प्रकृति द्वारा हमारी सोच के अनुसार तय करवाई जाती है।

सोच में बदलाव करके कल्पना को सफलता में जल्दी बदला जा सकता है। इस बदलाव के परिणाम को प्रकृति का जादू कह सकते हैं। इसे समझने से जीवन को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रकृति को अपने साथ लेकर चलने से सफलता जल्दी मिलती है। अपने जीवन के लक्ष्य को शिद्दत के साथ चाहने से प्रकृति हमें हाथ पकड़कर मंजिल तक ले जाती है। विजेता बनने के लिए अपने जीवन के समग्र को देखना आवश्यक है। स्वयं, परिवार, समाज और राष्ट्र इस समग्र के घटक होते हैं।

उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिए अनुशासन महत्वपूर्ण है। सफलता की दिशा में तेजी से बढ़ने के लिए स्व अनुशासन आवश्यक है। दूसरों के द्वारा अनुशासन का पाठ पढ़ाएं जाने से आगे बढ़ने की गति मंद हो जाती है।

इस अवसर पर शिविर प्रभारी एवं पूर्व विधायक हरीश झामनानी, शिविर सहप्रभारी एवं निगम उपमहापौर सम्पत सांखला, मालती रावत, मधु शर्मा, सुनीता धवन, सुषमा भाटी, भारती, मधु महावर, गायत्री सोनी, सुनीता चौहान, पुष्पा, वीणा, कृष्णा सुचेता, रेणु चौहान, मोनिका, सम्पत भाटी, मंजू शर्मा, लीना विश्वा, तरूणा आदि उपस्थित थे।