बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान की सेना पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं और अपनी आजादी की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से बलूचिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का मामला उठाया था और वहां के लोगों को धन्यवाद दिया था।
सूत्रों के अनुसार पिछले कई दिनों से ब्लूचिस्तान के सुई डेरा बुगती, जाफराबाद और नसीराबाद सहित कई अन्य जगहों पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।
लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी, भारत का झंडा तथा ब्लूच स्वतंत्रता सेनानी अकबर बुग्ती की तस्वीरों को दिखाकर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के झंडे को पैर से रौंदा और ‘बंद करो बलूच नरसंहार’ की तख्तियां भी दिखाईं।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद से ही वहां के लोग उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं और बलूचिस्तान प्रांत में लोगों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की मांग कर रहे हैं।
इससे बौखलाए पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रेड लाइन पार करने का आरोप लगाया है और उन बलूच नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है, जिन्होंने बलूचिस्तान पर मोदी के बयान का स्वागत किया और उनसे दखल की मांग की।