भरुच। भारत में से आयात किए जाने वाले आम पर विश्व के कई देशो की ओर से लगाई गई रोक के यथावत रहने से भरुच जिले में आम की खेती करने वाले किसानो को डेढ़ करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ेगा। प्रति वर्ष जिले में साढ़े चार करोड़ रुपए के करीब आम का उत्पादन किया जाता है मगर पिछले तीन साल से किसान प्राकृतिक व कृत्रिम आपदाओ का सामना कर रहे हैं।
भरुच जिले की अंकलेश्वर तहसील में सबसे ज्यादा आम का बगीचा है। अंकलेश्वर तहसील के जूना दीवा,बोरभाठा,नीवीदीवी, जूनी दीवी , बोरभाठा बेट, उछाली, बाकरोल, कांसिया, मांडवा सहित अंकलेश्वर के पच्चीस से ज्यादा गांवो में लंगड़ाद, केसर, हाफुस, राजापुरी, दशहरी सहित विविध पच्चीस से अधिक जाति के आम का सीजन में लगभग साढ़े चार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का उत्पादन होता है। इसमें अच्छी गुणवत्ता वाले आम को निर्यात के लिए भेजा जाता है।
आम के निर्यात का टर्नओवर भरुच जिले में डेढ़ करोड़ रुपए के करीब होता है। इस साल आये दो बार बेमौसमी बरसात व आंधी के कारण आम की फसल को व्यापक नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस कारण आम का उत्पादन इस साल आधे से ज्यादा घट जाने से पौने तीन करोड़ रुपए के करीब ही आम का उत्पादन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसके साथ ही साथ आम के निर्यात में लगी रोक के कारण आम का दाम गिर जाने से किसानो को काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि आने वाले दिनो में आम बाजार में आने लग जाएगा। लोगो के लिए आम काफी सस्ता व किसानों के लिए नुकसानदायक साबित होगा। इस साल आई बेमौसमी बरसात व वातावरण में आए परिवर्तन के कारण आम को बाजार में आने में अभी डेढ़ माह का वक्त लग जाएगा। आम पर यूरोप, अमरीका तथा खाड़ी के विविध देशो में तीन साल से प्रतिबंध लगाया गया है।
रोक दिया गया है आम का निर्यात
अंकलेश्वर के किसान जमीयत पटेल ने कहा कि इस साल भी प्राकृतिक दिक्कतों व अच्छे किस्म के आम के निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों के लिए आम का सीजन विफल जाने वाली स्थिति का निर्माण हो गया है। स्थानीय आम का वार्षिक टर्नओवर जो साढ़े चार सौ करोड़ का है वह प्राकृतिक आपदा की वजह से घट कर ढाई से पौने तीन करोड़ के करीब हो गया है। इसमें से डेढ़ करोड़ का आम निर्यात होता था जो नहीं होगा इस कारण आम का दाम घट जाएगा।
50 प्रतिशत कम हो जाएंगे आम के दाम
अंकलेश्वर में आम के थोक व्यापारी मगन पटेल ने कहा कि अंकलेश्वर में अच्छी क्वालिटी वाला आम जिसे अन्य देशो में भेजा जाता था उस पर रोक लगा दिए जाने से अच्छे क्वालिटी के आम का दाम भी गिर जाएगा। इस समय चालीस प्रतिशत आम की फसल खत्म हो चुकी है। इस साल बाजार में आम एक से डेढ़ माह की देरी से आएगा।