जयपुर। राज्य सरकार ने शिक्षकों के डेपुटेशन पर लगी रोक को हटा ली है। यह कदम स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरी करने के लिए उठाया गया है। नई व्यवस्था में डेपुटेशन तभी होगा, जब संबंधित जिले में जिला कलक्टर मंजूरी देंगे।
ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों के शिक्षकों को शहर में नहीं लगाया जाएगा, भले ही शहर के स्कूलों में शिक्षकों के कितने ही पद खाली हों। माध्यमिक शिक्षा विभाग के शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने दो दिन पहले ही जिला शिक्षा अधिकरियों और जिला कलक्टरों को इस बाबत आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
नई व्यवस्था के तहत डेपुटेशन प्रक्रिया में अब जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी का किसी भी तरह का दखल नहीं होगा क्योंकि अब जिला कलक्टर के स्तर पर ही तय किया जाएगा कि किस शिक्षक को डेपुटेशन पर कहां भेजा जाए। और डेपुटेशन करना कितना जरूरी है। यह अधिकार केवल कलक्टर को ही होगा। कलक्टर ही इस मामले में आगे जवाबदेह होगा।
निर्देशों के अनुसार पचास प्रतिशत या इससे अधिक शिक्षकों के पद रिक्त वाले स्कूलों में ही डेपुटेशन पर शिक्षक लगाए जा सकेंगे। लेकिन नव स्थापित आदर्श विद्यालयों में यह नियम मान्य नहीं होगा। इसी तरह डेपुटेशन प्रक्रिया में ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों का विशेष ख्याल रखा जाएगा।
किसी भी ग्राम पंचायत में एक स्कूल से उसी पंचायत के दूसरे स्कूल में ही डेपुटेशन संभव होगा। इसी तरह शहरी स्कूलों में रिक्त पद होने पर ही ग्रामीण शिक्षकों को नहीं लगाया जाएगा। पर यदि शहर की स्कूलों में शिक्षक अधिशेष है तो ही उन्हें डेपुटेशन पर लगाएंगे।