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बंडारू दत्तात्रेय ने Majithia Wage Board की सिफारिशों पर अमल की समीक्षा की - Sabguru News
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बंडारू दत्तात्रेय ने Majithia Wage Board की सिफारिशों पर अमल की समीक्षा की

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बंडारू दत्तात्रेय ने Majithia Wage Board की सिफारिशों पर अमल की समीक्षा की
Bandaru Dattatreya reviews status of implementation of recommendations of Majithia Wage Board
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नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों पर अमल की स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को यहां राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट, 1955 की धारा 9 और धारा 13सी में निहित प्रावधानों के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर कार्यरत पत्रकारों और गैर-पत्रकार समाचारपत्र कर्मचारियों के लिए वेतन बोर्डो का गठन करती रही है।

इस तरह के पिछले वेतन बोर्ड अर्थात मजीठिया वेतन बोर्ड का गठन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 24 मई, 2007 को किया गया था। बोर्ड ने 31 दिसम्बर, 2010 को सरकार को अपनी सिफारिशें पेश कर दी थीं।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने उपर्युक्त अधिनियम की धारा 12 के तहत मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को 11 नवम्बर, 2011 को अधिसूचित किया था, जिसके लिए 2011 की डब्ल्यू.पी. (सी) संख्या 246 पर फैसले को ध्यान में रखा जाना था। सुप्रीमकोर्ट न्यायालय ने 7 फरवरी, 2014 को मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को सही ठहराया।

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चूंकि उपर्युक्त ऑर्डर का अनुपालन कुछ समाचार पत्र संस्थानों ने नहीं किया था, इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए उच्चतम न्यायालय में अवमानना याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

उच्चतम न्यायालय ने 19 जून, 2017 को सुनाए गए अपने फैसले में कहा कि मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू किया जाना है।

न्यायालय ने चार महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्थिति साफ की। इनमें मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के मुताबिक वेतन का भुगतान, अनुच्छेद 20(जे), परिवर्तनीय वेतन की स्वीकार्यता और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी इन सिफारिशों को लागू मानने के साथ-साथ बकाया रकम की अदायगी के लिए समाचार पत्र संस्थानों की वित्तीय क्षमता शामिल हैं।

सुप्रीमकोर्ट के उपर्युक्त फैसले को ध्यान में रखते हुए मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों पर अमल से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में एक बैठक राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ की गई। उपर्युक्त अधिनियम के मुताबिक मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों पर अमल की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाली गई है।

बैठक के दौरान राज्य सरकारों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने को कहा गया। इस बैठक के दौरान इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट, 1955 के दायरे में लाने पर चर्चा हुई। राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया कि वे इस बारे में अपनी राय पेश करें।