आगरा। जनपद के देवरी रोड स्थित वेदनगर में रह रहे पचास घरों के लोगों पर सवाल उठने लगे हैं। वे कहां के रहने वाले हैं, इसका उनके पास कोई सबूत नहीं है। ये लोग अब अपने पूर्वजों की जानकारी भी छिपा रहे हैं और अपने आप को कोलकत्ता निवासी बता रहे हैं। वहीं इनको आगरा लाने वाला ठेकेदार भी संदेह के घेरे में है।
चर्चा है कि ये बंगलादेशी हैं और घुसपैठ कर कोलकत्ता में आ गए। वहां से धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में शिफ्ट हो रहे हैं। उन्हीं में से कुछ परिवार आगरा आ गए हैं। वेदनगर में रहने वाले ये परिवार खुद भी कह रहे हैं कि उन्हें यहां पर इस्माइल ठेकेदार लेकर आया है। सवाल उठता है कि कहीं ठेकेदार इस्माइल ही तो इन्हें गुमराह करके नहीं लाया है, क्योंकि धर्मान्तरण कराने में इसने बढ़-चढ़कर भाग लिया था और अब असलियत छिपा रहा है और दूसरी भाषा बोल रहा है। ठेकेदार किस दबाव में बदल गया, यह तो वही जाने, लेकिन वह क्यों बदला इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। प्रशासन अगर इससे पूछताछ करता तो अब तक असलीयत सामने आ जाती, लेकिन प्रशासन ने पूछताछ क्यों नहीं? इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। सवालों के घेरे में प्लाट का मालिक भी है, क्योंकि 12 वर्ष से रह रहे किराए दारों की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी? वहीं प्रशासन भी इसलिए कठघरे में है कि उसके खुफिया तंत्र ने इन लोगों की जानकारी अभी तक क्यों नहीं जुटाई है? वहीं कुछ लोगों के वोटर कार्ड किस आधार पर बन गए, इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। वेदनगर में जाकर जब इन लोगों से बातचीत की गई तो कभी तो वे हिन्दी में बात करने लगते हैं और फिर बंगाली भाषा बोलते हुए हिन्दी नहीं आने की बात करने लगते हैं। वहीं जब इनसे इनके पूर्वजों के बारे में जानकारी ली जाती है, तो वे जानकारी देने से अब कतराते हैं और कहने लगते हैं कि हम तो मुस्लिम हैं, जबकि कार्यक्रम के समय ये सब अपने पूर्वजों को हिन्दू बता रहे थे। धर्म रक्षा मंच और बजरंग दल के लोग चाहते हैं कि इन घुसपैठियों की जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही ठेकेदार से भी पूछताछ और उसकी जांच की जानी चाहिए।
स्वार्थ की रोटिया सेंक रहीं पार्टियां
शिवसेना के जिला प्रमुख वीनू लवानिया का कहना है कि प्रदेश सरकार के अलावा बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी स्वार्थ की रोटियों सेक रही है। वह आंतकवाद को बढ़ावा देना चाहती है, जिससे उत्तर प्रदेश में दंगे हो। इसी के साथ स्थानीय प्रशासन भी इसमें बराबर दोषी है। उसने 17 साल से रहे लोगों की पहचान क्यों नहीं की। हिन्दू संगठन ने सिर्फ परोपकार का कार्य किया है। वह वहां रह रहे लोगों का पहचान दिलाना चाहता था।
दहशत में नागरिक
धर्मान्तरण का मामला गर्माते ही पूरे देश में खलबली मच गई है। मुस्लिम समाज में आक्रोश व्याप्त है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं। धर्मान्तरण करने वाले और वेद नगर के नागरिक दहशत में हैं। जानकारी के अनुसार धर्मान्तरण के दौरान हवन यज्ञ में आहुतियां दिलाई गई थी। चंदन का तिलक और जनेऊ धारण कराया गया था।
माधव भवन पर पहुंची पुलिस
धर्मान्तरण में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले किशोर वाल्मीकि की तलाश में पुलिस जुट गई है। गुरुवार की सुबह एसपी सिटी समीर सौरभ ने पुलिस फोर्स के साथ जयपुर हाउस स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यालय माधव भवन पर दस्तक दी। हालांकि किशोर वाल्मीकि वहां नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने संघ के प्रांत प्रचारक दिनेश और अन्य पदाधिकारियों से कुछ देर चर्चा की। पुलिस के अधिकारी कुछ देर रुकने के बाद वहां से वापस चले गए, लेकिन एक दर्जन पुलिस कर्मी और अधिकारी दिनभर वहां संघ कार्यालय पर डेरा डालकर बैठे रहे। संघ कार्यालय पर पुलिस के पहुंचने की सूचना मिलते ही स्वयं सेवक कार्यालय पर जानकारी लेने आते-जाते रहे और दिन भर वहां गहमा-गहमी बनी रही। संघ कार्यालय पर भाजपा के विधायक योगेन्द्र उपाध्याय, पूर्व मंत्री रामबाबू हरित सहित कई भाजपा नेता भी जानकारी लेने पहुंचे।
धर्मान्तरण करने वाले घुसपैठिये-सैफी
गत सोमवार को हुए धर्मान्तरण के मामले को लेकर पार्टियां राजनैतिक रोटियां सेकना बंद कर दें। इससे साम्प्रदायिक सौहार्द खराब होता है। यह वक्तव्य भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री अशफाक सैफी ने गुरूवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान दिया।
उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण में बंगलादेशी घुसपैठियों का नाम प्रकाश में आ रहा है। भाजपा शुरू से ही बंगलादेशियों की घुसपैठ के खिलाफ रही है। ऐसे लोग ही राजनैतिक पार्टियों के मोहरे बने हुए हैं। ऐसे घुसपैठियों की जांच होनी चाहिए। यदि उन्होंने अवैध रूप से वोटर कार्ड, बीपीएल कार्ड बनवा लिये हैं, तो उन्हें तुरन्त निरस्त किया जाए और कार्ड धारकों को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए वेदनगर से अब पलायन कर रहे हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं को धार्मिक मामलों में दखल न देकर देश हित में सोचना चाहिए। हिन्दु-मुसलमान में कड़वाहट घोलने का काम बंद करना चाहिए। वार्ता के दौरान इरफान कुरैशी, फरीद खान, बसीम खान, आजाद खान, मोनिस सैफी, इरसाद खान आदि लोग उपस्थितकि घुसपैठिये, वेदनगर से अब पलायन कर रहे हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं को धार्मिक मामलों में दखल न देकर देश हित में सोचना चाहि,। हिन्दु-मुसलमान में कड़वाहट घोलने का काम बंद करना चाहिए। वार्ता के दौर जारी हैं।
लोकसभा में विपक्ष का वाकआउट, सरकार कानून बनाने के पक्ष में
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के आगरा में कथित धर्मांतरण के मुद्दे पर उठे विवाद के बीच गुरुवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने हंगामा किया। वहीं,सरकार ने आज कहा कि अगर सभी दल सहमत हों तब धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने के लिए वह कानून भी ला सकती है।
संसदीय कार्यमंत्री एम वैंकेया नायडू के यह कहने पर कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि होने पर गर्व है सदन में खासा हंगामा हुआ और बाद में पूरे विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।
नायडू ने लोकसभा में धर्मांतरण मुद्दे पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग हो रही है। विपक्ष बिना वजह के अफवाह फैला रहा है। उन्घ्होंने यह भी कहा कि संघ की आलोचना हो सकती है लेकिन गाली नहीं दे सकते हैं। संघ से हमें प्रेरणा मिलती है और संघ महान संगठन है। संघ की पृष्ठभूमि से का होने पर मुझे गर्व है। उन्घ्होंने कहा कि धर्मांतरण पर प्रतिबंध संबंधी कानून की देश को जरूरत है। इस पर विपक्षी दलों ने उनके बयान पर हंगामा किया। संघ की तारीफ किए जाने पर विपक्ष पूरी तरह विफरा। बाद में कांग्रेस, सपा, राजद , जनतादल (यू)सहित अन्घ्य दलों ने भी सदन से वाकआउट किया।
इससे पहले,लोकसभा में गुरुवार को सदस्यों ने देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप, संविधान के तहत लोकतांत्रिक नियम 193 के तहत आगरा में कथित धर्मातरण की पृष्ठभूमि में उत्पन्न स्थितियों पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम सरकार या किसी और व्यक्ति को नीचा नहीं दिखाना चाहते हैं। संविधान देश की आत्मा है और इसमें लिखा है कि देश के सभी लोगों को अपने विचार रखने, धर्म मानने, देश की अखंडता एवं सम्प्रभुता कायम रखने की आजादी है। आगरा में कथित तौर पर बलपूर्वक धर्म परिवर्तन की जो घटना सामने आई है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंधिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस विषय पर स्पष्टीकरण दें क्योंकि प्रधानमंत्री सभी के हैं। भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि इस विषय पर चर्चा की जरूरत नहीं थी लेकिन एक सामान्य सी घटना को बड़ा रूप दे दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्मातरण के पक्ष में नहीं है। जहां भी भाजपा की सरकारें बनी, वहां पर धर्मातरण को रोकने के लिए कानून बनाने की पहल की गई। इस विषय पर कानून बनना चाहिए।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सभी राजनीतिक दलों के सहमत होने पर धर्मातरण को प्रतिबंधित करने के लिए कानून बनाए जाने संबंधी सुझाव के लिए सरकार की आलोचना करते हुए इसे मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण बताया। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी दूसरे धर्म में जाना चाहता है तो ऐसे में धर्मांतरण पर रोक लगाना अनुचित होगा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या नायडू किसी को स्वेच्छा से किसी अन्य धर्म को अपनाने से रोक सकते हैं। यह संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण होगा। अपने धर्म का चुनाव करना, यह एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। लेकिन किसी फायदे का लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तित करना एक अपराध है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार से आगरा में जबरन धर्मातरण में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर धर्मांतरण कराने वाले लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए।
धर्म परिवर्तन मामले में मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
मेरठ। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के बैनर तले दर्जनों अल्पसंख्यकों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आगरा में छह मुस्लिम परिवारों को धमकाकर धर्म परिवर्तन करने की बात कही और इस मामले में जांच-पड़ताल की मांग की।
मुस्लिम लीग के प्रदेश सचिव मौ. उवैस ने कहा कि आगरा में छह मुस्लिम परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया गया है, जिसके बाद मुस्लिमों में रोष व्याप्त है। यूपी में समाजवादी की सरकार होते हुए भी मुसलमान अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामाजिक सोहार्द और भाईचारे की भावना समाप्त होती जा रही है। इसलिये ऐसे माहौल को रोकने के लिये प्रदेश सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम डीएक को सौंपे ज्ञापन में आगरा में धर्मान्तरण कराने वाले लोगों व संगठन के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इसके अलावा उन्होंने फांसीवादी मानसिकता रखने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की भी मंाग की। ज्ञापन देने वालों में इंडियन मुस्लिम लीग के शहर अध्यक्ष हाजी कासिम, अंजुश अशफाक, जकी अनवर, अकरम अंसारी, नईम बसवाला, नवाब आलम, सरफराज, सलीम अंसारी आदि शािमल रहे।