नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सरकार ने कालेधन रखने पर कड़ी नजर बनाए हुए है। आयकर विभाग ने बैंकों से किसी खाते में एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा की जमा तथा क्रेडिट कार्ड के बिलों के लिए 1 लाख रुपये या ज्यादा के नकद भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की 17 जनवरी की अधिसूचना में कर अधिकारियों को सूचित किए जाने वाले नकद लेनदेने के बारे में बताया गया है।
इसके लिए ई-प्लेटफॉर्म स्थापित किया गया है। इसके अलावा CBDT ने अपने नवंबर, 2016 के निर्देश को दोहराया है, जिसमें बैंकों से 9 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 के दौरान एक व्यक्ति के एक या अधिक खातों में 2.5 लाख रुपये या अधिक राशि के जमा होने की सूचना देने को कहा था। नोटबंदी के बाद सरकार ने पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 50 दिन का समय दिया था।
अधिसूचना में कहा गया है कि एक वित्तीय वर्ष में किसी व्यक्ति से 10 लाख रुपये से अधिक की शेयर पुनर्खरीद की सूचना सूचीबद्ध कंपनी को देनी होगी। इसके अलावा 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा ट्रैवलर्स चेक या फॉरक्स कार्ड सहित की जानकारी भी कर अधिकारियों को देनी होगी। संपत्ति पंजीयक को किसी व्यक्ति द्वारा 30 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त की जानकारी कर अधिकारियों को देनी होगी।