वाशिंगटन। अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुई गोलीबारी की घटना के बाद मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही राजनीतिक बयानबाजी से राष्ट्रपति बराक ओबामा काफी आहत हैं।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने ताजा जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा उस राजनीतिक बयानबाजी से काफी आहत हैं जो मुसलमानों को निशाना बनाकर की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने पिछले दो सप्ताह में इस बारे में काफी जोर देकर बात की है। अर्नेस्ट ने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति को इस बात का भरोसा है कि अमेरिकियों की अधिकतर आबादी इस मूल सिद्धांत को समझती है कि लोगों को उनकी धार्मिक आस्था के आधार पर हिंसा के लिए निशाना नहीं बनाया जा सकता।
यह हमारे देश का मूलभूत मूल्य है। यह ऐसा मूल्य है जिसकी रक्षा की जानी चाहिए और इस मूल्य को करीब हर अमेरिकी साझा करता है। अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका में देशभक्त मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर करने का कोई भी प्रयास इस्लामिक स्टेट(आईएस) और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों की बातों को केवल सही साबित करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यदि किसी मस्जिद को किसी विशेष खतरे से बचाने के लिए कुछ विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता होगी तो मुझे पूरा भरोसा है कि स्थानीय कानून प्रवर्तन इस प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है और यदि उन्हें संघीय सरकार का सहयोग चाहिए तो मुझे पूरा भरोसा है कि उन्हें यह सहयोग मिलेगा।
अर्नेस्ट ने कहा कि अल कायदा,आईएस के साथ अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ चल रही लड़ाई के लिए यह स्पष्ट करना अहम है कि अमेरिका इन संगठनों के खिलाफ युद्धरत है, लेकिन हमारी लड़ाई इस्लाम से नहीं है। हम विश्व के मुसलमानों के खिलाफ युद्धरत नहीं है।
एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बुधवार के हमले की प्रेरणा शायद इस्लामिक स्टेट से ली गई थी, लेकिन किसी भी अधिकारी ने यह नहीं बताया कि आईएस ने इस हमले का निर्देश दिया था। इस हमले में 14 लोग मारे गए और 21 अन्य घायल हुए है। इस हमले के बाद में हमलावर मलिक और मलिक और उसके पति 28 वर्षीय सैयद रिजवान फारूक पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।
कैलिफोर्निया में पाकिस्तानी मूल के अपने अमेरिकी पति के साथ गोलीबारी करने वाली पाकिस्तानी महिला ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन के नेता अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति वफादारी जताई थी। वहीं पाक मूल के दंपति के कैलिफोर्निया में गोलीबारी को अंजाम देने की घटना ने पाकिस्तान और इसके मदरसों में चल रहे कट्टरवाद की तरफ ध्यान खींचा है।
कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और उसके पाकिस्तानी-अमेरिकी पति रिजवान फारूक के पाकिस्तान की कुख्यात लाल मस्जिद के धर्मगुरू मौलाना अब्दुल अजीज से संबंध थे। इन संबंधों से जुड़ी सूचना को लंदन में अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ से साझा किया है।