वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में आयोजित विज्ञान मेले में भारतीय-अमेरिकी बच्चों की सराहना करते हुए बच्चों से दुनिया बदलने के लिए अपनी वैचारिक शक्ति का उपयोग करने को कहा। उन्होंने बच्चों से कहा, ‘खोज करते रहो और सपने देखते रहो।’
ओबामा ने मेले में देश भर से अपने अविष्कारों, रोबोटों और खोजों को प्रदर्शित करने आए बाल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को संबोधित हुए कहा कि यह सवाल करते रहिए कि ऐसा क्यों है। आप जो पहले से जानते हैं उसी के सहारे मत बैठिए।
उन्होंने 30 राज्यों से आए 100 से अधिक छात्रों में से 12 छात्रों के अविष्कार व्यक्तिगत तौर पर देखा। उन्होंने कहा कि दुनिया को बदलने के लिए अपने विचारों, अपनी कल्पनाओं और अपनी कड़ी मेहनत की शक्ति पर भरोसा करना कभी बंद मत करो।
ओबामा ने द्वितीय स्थान पाने वाले विजेता का निखिल बिहारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हाईस्कूल में निखिल इस बात में दिलचस्पी रखता है कि हम ऑनलाइन हैकरों और डेटा चोरों से खुद को कैसे बेहतर तरीके से बचा सकते हैं। उसने खोजा की कि कैसे हम अपने ऑनलाइन खाते ज्यादा सुरक्षित रख सकते हैं।
कैलिफोर्निया के सैन जोश की 18 वर्षीय रुचि पंड्या ने रक्त की एक बूंद से व्यक्ति के दिल की कार्यप्रणाली के परीक्षण का तरीका खोजा।
ओबामा ने कहा कि अन्विता गुप्ता ने कैंसर, तपेदिक, इबोला के संभावित उपचारों की पहचान के लिए कृत्रिम सूचनाओं और जैव रसायन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद अधिकतर युवाओं की तरह, अन्विता और रुचि पहली पीढ़ी की अमेरिकी हैं।
वैश्विक ऊर्जा संकट से प्रभावित होकर पिट्सबर्ग के 14 वर्षीय साहिल दोशी ने एक कार्बनडाईऑक्साइड से चलने वाली बैटरी डिजाइन की है।
ओबामा ने इन नए वैज्ञानिकों से बातें की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई।
गौरतलब है कि इस मेले में ओबामा ने और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) क्षेत्रों में बालक-बालिकाओं खास तौर से वंचित समूहों के बच्चों को प्रेरित करने और उन्हें तैयार करने के लिए 24 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की।