वाशिंगटन। पेंटागन में पूर्व में दूसरे नंबर के अधिकारी रह चुके एश्टन कार्टर अमरीका के नए रक्षा मंत्री होंगे। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मौजूदा रक्षा मंत्री चक हेगल के स्थान पर कार्टर को चुना है। चक हेगल ने पिछले सप्ताह अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
भारत के साथ रक्षा संबंध बढ़ाने का श्रेय कार्टर को जाता है। उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण बंदिशों को ढीला किया था, जिसके कारण भारत को अमेरिकी हथियारों की बिक्री का रास्ता साफ हो पाया था।
कार्टर का नाम इस पद के लिए तब सबसे आगे आ गया, जब कई अन्य उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए। इनमें रोडे द्वीप के डेमोक्रेट सीनेटर जैक रीड, पेंटागन में पूर्व उप मंत्री के रूप में काम कर चुकी मिशेल ए. फ्लौरनॉय, आंतरिक सुरक्षा मंत्री जेह सी. जॉन्सन के नाम शामिल हैं।
नौकरशाही की लालफीताशाही को दरकिनार करते हुए कार्टर और तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन को भारत-अमेरिका रक्षा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी पहल (डीटीटीआई) का नेतृत्व करने के लिए मुख्य अधिकारी नियुक्त किया गया था। इस संस्था की जिम्मेदारी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रक्षा उपकरणों के सह उत्पादन तथा सह विकास की थी।
भारत में चुनाव के बाद डीटीटीआई ने जब फिर से रफ्तार पकड़ी, तो अमरीका ने भारत के साथ रणनीतिक सहकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए दो करोड़ डॉलर की राशि निर्धारित कर दी।
कार्टर इसके पहले दो बार रक्षा मंत्री बनते-बनते रह गए थे और उन्होंने अक्टूबर 2011 से दिसंबर 2013 तक लियोन पनेटा और हेगल के अधीन पेंटागन के मुख्य संचालन अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी।
भौतिकी और मध्यकालिक इतिहास में येल युनिवर्सिटी से स्नातक कार्टर रोडे के स्कालर रह चुके हैं और अप्रेल 2009 से अक्टूबर 2011 तक अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी एवं लाजिस्टिक्स के लिए उप रक्षा मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोस अर्नेस्ट ने मंगलवार को हालांकि इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि ओबामा ने कार्टर को रक्षा मंत्री पद के लिए चुना है, लेकिन उन्होंने कार्टर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पेंटागन में राष्ट्रपति और अमरीकी जनता की बेहतर तरीके से सेवा की है।
अर्नेस्ट ने कहा कि वह एक ऎसे व्यक्ति हैं, जो इस पद के योग्य हैं और उन्हें सरकार में उनकी पूर्व सेवाओं के लिए दोनों दलों की ओर से जबरदस्त समर्थन प्राप्त था। उन्हें रक्षा विभाग की कार्यपद्धति की विस्तृत समझ है।