नई दिल्ली। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संकेतों में ही पाकिस्तान जैसे आतंकवाद के पनाहगार देशों को सख्त लहजे में आगाह किया कि वे खुद को सुधार लें।
ओबामा ने कट्टरपंथ को खारिज करने की जरूरत बताई और कहा कि मानवता को बचाने के लिए इसे खत्म करना होगा। अमरीकी राष्ट्रपति के तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने आखिरी संबोधन में ओबामा ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि छद्म युद्ध में लिप्त राष्ट्र इससे बाज आएं। अगर उन्होंने अपने रास्ते दुरुस्त नहीं किए तो आतंकवाद उन्हें भी खत्म कर देगा।
उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद के पनाहगार मिटाए हैं और अगर विभिन्न समुदायों को मिल-जुलकर रहने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं करेंगे तो आतंकवाद के अंगारे उन्हें जला डालेंगे और इसका खमियाजा अनगिनत लोगों को भुगतना पड़ेगा।
कूटनीतिक हलकों में इसे खास तौर पर पाकिस्तान जैसे देशों के लिए स्पष्ट संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ ही ओबामा ने पश्चिम एशिया में कट्टरपंथी और सांप्रदायिक हिंसा पर भी चिंता जताई। उन्होंने विकास की राह पर मजबूती से बढ़ने के लिए भारत और चीन की तारीफ भी की।