बैतूल। माता-पिता द्वारा की गई हल्की-फुल्की डांट फटकार जिले के घोड़़ाडोंगरी ब्लॉक के अलग-अलग गांवों की दो किशोरियों को इतनी नागवार लगी, कि उन्होंने जान देने का फैसला कर लिया। फिलहाल दोनों किशोरियां अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका उपचार किया जा रहा है।
पहला मामला घोड़ाडोंगरी से 11 किमी दूर स्थित सालीवाड़ा गांव का है। यहां 17 वर्षीया सनिता काजले को जब उसके पिता ने डांटा, तो उसने कीटनाशक पी लिया। सनिता के पिता सक्कूराम ने सोमवार सुबह उससे खेत पर जाकर वहां काम कर रहे भाई को डीजल देकर आने को कहा।
सुनिता ने जब खेत जाने से मना किया, तो उसके पिता ने उसे डांट दिया। बस, इसी से नाराज होकर सनिता ने कीटनाशक पी लिया। उसे घोड़ाडोंगरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दूसरा मामला घोड़ाडोंगरी ब्लाक के ही शिवसागर गांव का है। यहां 10वीं की छात्रा मनीषा बंगाली ने अपनी मां द्वारा डांटे जाने से नाराज होकर हाथ की नस काट ली। रविवार की रात मनीषा की मां मीना ने उससे घर के पास स्थित हैंडपंप से पानी लाने को कहा।
इस पर मनीषा ने रात होने की बात कहकर जाने से मना कर दिया। गुस्से में मां ने उसे डांट दिया। मां से नाराज मनीषा अपने कमरे में जाकर सो गई। सुबह जब मां उसे जगाने के लिए पहुंची, तो मनीषा के बाएं हाथ की नस कटी हुई थी और उसके बिस्तर पर खून फैला था। उसे घोड़ाडोंगरी सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।