नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट नियत्रंड बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार को मुंबई में हुई अनुशासन समिति की बैठक में पाकिस्तान के अंपायर असद रऊफ पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। बीसीसीआई ने पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ पर दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार के चलते यह कार्रवाई की है।
उधर पाकिस्तान के कलंकित अंपायर असद रउफ ने कहा कि बीसीसीआई ने बिना किसी सबूत के उन्हें दोषी करार देकर उन पर प्रतिबंध लगा दिया। आईपीएल और बीसीसीआई को मुझ पर प्रतिबंध लगाने का क्या हक है जब मुंबई की एक अदालत ने पुलिस को बताया है कि उसके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीसीसीआई और आईपीएल ने एक जांच आयुक्त नियुक्त कर दिया और दावा किया कि मैं आईपीएल में अपना काम पूरा किए बिना भारत से चला आया। यह गलत है। मैं काम पूरा करके भारत से आया।
रउफ ने कहा कि कोर्ट ने कहा था कि रउफ प्रतिमाह 30 लाख रुपए से अधिक कमाता है लिहाजा जींस, टीशर्ट या कैप जैसे छोटे तोहफे लेना बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने वकील के मार्फत बीसीसीआई को लिखा है कि वह मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय जाकर किसी भी आयोग के सामने पेश होने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि वह अपने वकील के जरिए बीसीसीआई और आईपीएल को नोटिस भेजेंगे और मानहानि का मुकदमा ठोकेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड मेरा साथ दे या नहीं, मैं अपने वकील के जरिये खुद कदम उठाउंगा।
मालूम हो कि बीसीसीआई की अनुशासन समिति की बैठक में चर्चा के बाद पाकिस्तान के अंपायर असद रऊफ को दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार का दोषी पाते पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित किए जाने का फैसला किया गया।
रऊफ पांच वर्ष की अवधि के लिए भारत में खेलने, अंपायरिंग करने या किसी भी पद या अधिकारी के रूप में बोर्ड से संबंधित मामलों में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्हें बीसीसीआई के एंटी करप्शन कोड की धारा 2.2.2, 2.3.2, 2.3.3 और 2.4.1 के तहत दोषी पाया गया है। इसके अलावा रऊफ इस समिति के सामने सुनवाई के लिए मौजूद नहीं हुए।
उल्लेखनीय है कि रऊफ का नाम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान सुर्खियों में आया था। जब उन पर मैच फिक्सिंग के लिए सट्टेबाजों से महंगे गिफ्ट स्वीकारने का आरोप लगा था।