कोलकाता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की नौ टीमों की टेस्ट लीग में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से न खेलने के बहाने ढूंढ़ रहा है। भारत और श्रीलंका के बीच यहां खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान अपस्थित बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने अनुसार बोर्ड के अंतिम फैसला लेने से पहले काफी बातों पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी विश्व स्तर की प्रतियोगिता में या चैम्पियनशिप में अगर वह कहते हैं कि 20 टीमें खेलेंगी तो हर टीम से खेलना मुमकिन नहीं है। समस्या भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज की नहीं है बल्कि उन बातों की है जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचेगा।
चौधरी ने कहा कि इस समय उस स्थिति को देखते हुए किसी भी तरह की नीति नहीं बनाई है। इस पर ध्यान दिया जाएगा। जैसा मैंने कहा, चैम्पियनशिप में हर टीम से खेलना मुमकिन नहीं है।
एक दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली एसजीएम में, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी.के. खन्ना और कार्यकारी सचिव को एक पत्र लिखकर उनसे भविष्य दौरे कार्यक्रम (एफटीपी) की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मेरे बयान को रिकार्ड कर लीजिए। कोई भी अंधकार में नहीं है। बोर्ड के सभी सदस्यों को एसजीएम का नोटिस जा चुका है साथ ही बैठक के कार्यक्रम से संबंधित सभी कागजात भी जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक लिखित की बात है। भारत के संविधान में हर किसी को अभिव्यक्ति की आजादी दी है। यह कहना गलत है कि किसी को जानकारी नहीं दी गई। चौधरी ने कहा कि कागजात एजेंडा तय होने के बाद ऐसे ही बांटे नहीं जाते, यह सही समय पर दिए जाते हैं।
आईसीसी ने 13 अक्टूबर को नौ टीमों की टेस्ट लीग और 13 टीमों की वनडे लीग को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसके पीछे उसका मकसद द्विपक्षिय क्रिकेट को बढ़ावा देना और अच्छी प्रतिस्पर्धा प्रदान करना था। यह दोनों लीग 2019 या 2020 से शुरू होंगी, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।