कोच्चि। विवादित तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से एक और बड़ा झटका लगा है। बीसीसीआई ने कहा है कि श्रीसंत के ऊपर लगा आजीवन प्रतिबंध जारी रहेगा।
दिल्ली की अदालत द्वारा मैच फिक्सिंग में संलिप्त के आरोपों में बरी किए जाने के बाद अपने ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध को लेकर श्रीसंत ने प्रतिबंध हटाने के लिए पुर्नविचार याचिका डाली थी।
बीसीसीआई ने इसके जवाब देते हुए रविवार को एक पत्र लिखा है। मैच फिक्सिंग के आरोपों में उन्हें 2013 में तिहाड़ जेल की भी हवा खानी पड़ी थी।
बीसीसीआईर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने पत्र में कहा है कि बोर्ड अनुशासन बनाए रखने को लेकर बेहद गंभीर है। सितंबर 2013 के फैसले में जिसमें श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया तो, उसमें कोई बदलाव नहीं है।
पत्र में यह भी बताया गया है कि आजीवन प्रतिंबध लगाने जाने का फैसला लेने वाली समिति में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष टी.सी मैथ्यू और टी.एन अनंथनारायण भी शामिल थे।
मैथ्यू केरल क्रिकेट संघ (केसीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं जबकि टी.एन केसीए के सचिव रहे हैं।
एस. श्रीसंत ने बीसीसीआई द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ इसी साल मार्च में केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने श्रीसंत से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को कहा था।
2015 में दिल्ली पुलिस ने उन पर और दो अन्य खिलाड़ियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इन तीनों खिलाड़ियों को बरी कर दिया था।
आजीवन प्रतिबंध के कारण श्रीसंत बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी लीग मैच नहीं खेल सकते और न ही बीसीसीआई या उससे संबंध रखने वाले किसी राज्य संघ के स्टेडियम में अभ्यास कर सकते हैं।
मौजूदा वित्तीय मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली समिति ने श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था। श्रीसंत केरल की ओर से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं।