नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए)ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कुछ कर्मचारियों को हटा दिया है।
इस कमेटी ने 30 जनवरी को बीसीसीआई के संचालन की जिम्मेदारी संभाली थी। सर्वोच्च अदालत ने प्रशासकों की समिति को बोर्ड के संचालन के लिए नियुक्त किया है जिसमें पूर्व प्रवर्तन एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय, आईडीएफसी के महानिदेशक विक्रम लिमये, पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर डियाना इदुलजी और इतिहासकार रामचंद्र गुहा शामिल हैं।
समझा जाता है कि जिन कर्मचारियों को हटाया गया है, वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व सचिव अजय शिर्के द्वारा नियुक्त किए गए थे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दो जनवरी को अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को उनके पद से हटा दिया था। शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई के ज्यादातर पदाधिकारियों को भी हटा दिया था क्योंकि वे जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर इसकी अहर्ता रखने वाली शर्तों का पालन नहीं करते।
बीसीसीआई के दिल्ली दफ्तर पर लगा ताला
पिछले काफी समय से अस्थिरता के दौर से गुजर रहा बीसीसीआई फिलहाल संभलने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। सोमवार को बीसीसीआई के दिल्ली दफ्तर को बंद कर दिया गया है। हालांकि इस दफ्तर को बंद क्यों किया जा रहा है इस बारे में बीसीसीआई की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
हालांकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि दिल्ली दफ्तर में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और पूर्व सचिव अजय शिर्के के ऑफिस थे। चूंकि यह दोनों ही अब पद पर नहीं हैं। इस कारण बीसीसीआई ने दिल्ली दफ्तर को बंद करने का निर्णय लिया है।
यह भी खुलासा नहीं किया गया है कि दफ्तर में काम करने वाले स्टाफ को कहीं और शिफ्ट किया जाएगा या हटाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो पूरे स्टाफ को हटाया ही जाएगा।