बीते साले पीएम मोदी का नोटबंदी का फैसला सबसे बडा और प्रभावी फैसला था। उनके अचानक लिए इस फैसले ने देश के हर तबके को प्रभावित किया है। जिसके चलते पैसे वाला हो, मीडिल क्लास हो या फिर बीपीएल दर्जे लोग हो, सभी को एकाएक डेबिट व क्रेडिट कार्ड पर निर्भर रहना पड़ा।
नोटबंदी के बाद से ही इन कार्ड से भुगतान का चलन बढ़ा है। पेट्रोल पम्पों से लेकर किराना दुकानों तक पर पॉइंट्स ऑफ सेल यानी पीओएस मशीनों के साथ ही टर्मिनल उपलब्ध हैं और कार्ड स्वैपिंग के जरिए भुगतान होने लगा है।
चुंकि अब इन काडर्स और मशीनों से भुगतान का चलन चल पड़ा है तो, पेयमेंट करते समय ग्राहक को अतिरिक्त सावधान रहना बहुत जरूरी है।
क्योंकि हो सकता है कि कार्ड स्वैप करते ही तमाम जानकारी चोरी कर ली जाए या फिर किसी तरह के अपराध का शिकार हो जाएं। ऐसी परिस्थित में में यह जानना जरूरी है कि पीओएस मशीनों और टर्मिनल से भुगतान करते समय कौन-कौन सी सावधानियां बरतना चाहिए।
काडर्स से जुड़ी कुछ अहम बातेंं –
1. हाल ही में क्रेडिट कार्ड टर्मिनल बनाने वाली कंपनी Ingenico ने एक गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें बताया गया है कि यदि टर्मिनल आकार में सामान्य से थोड़ा भी बड़ा नजर आए तो समझें कि गड़बड़ है।
2. सामान्य टर्मिनल में कार्ड का कुछ हिस्सा बाहर नजर आता है, जबकि लगभग पूरा कार्ड की अंदर चला जाए तो समझें कि धोखाधड़ी हो सकती है।
3. स्वैप करते समय यदि टर्मिनल के बटन हाईलाइट नहीं हो रहे हैं तो भी सावधान हो जाएं।
4. इसी तरह पीओएस मशीन से भुगतान करते समय सावधान रहें कि कार्ड लेकर सेल्सपर्सन दूर जाए। हो सकता है कि वह नजर बचाकर कार्ड की डिटेल्स चोरी करने की कोशिश करे।
5. ऐसी रिटेलर के यहां से शॉपिंग करें, जिनके यहां चिप-इनेबल्ड कार्ड रीडर्स हैं। यदि इसको अनिवार्य किया जाता है तो धोखाधड़ी को रोका जा सकता है।
6. ओएस मशीन से निकलने वाली ब्लैंक रिसिप्ट पर कभी साइन न करें। फिर भी किसी तरह की जानकारी चोरी की आशंका होती है तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।
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