नई दिल्ली। भारतीय पुरुषों में सुंदर दिखने की चाहत बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि वे जड़ता को तोड़ते हुए विभिन्न स्किनकेयर उत्पादों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं और इस प्रक्रिया के इन उत्पादों के बाजार को बड़ा बढ़ावा मिल रहा है।
द बॉडी शॉप के प्रमुख (प्रशिक्षण) शिखी अग्रवाल का मानना है कि अब पुरुष बेसिक शेविंग क्रीम और शैम्पू से आगे बढ़कर हेयर केयर, दाढ़ी केयर, इत्र, एक्सेसरीज जैसे कई उत्पादों का खूब उपभोग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इधर कुछ सालों से पुरुषों ने यह स्वीकार करना शुरू दिया है कि बेसिक स्किन केयर और मेकअप का रोजाना इस्तेमाल उनके स्किन को स्वच्छ और तंदुरुस्त रखने के लिए बेहद जरूरी है। कार्यस्थल की प्रतिद्वंद्विता ने भी उन्हें दूसरे से अधिक आर्कषक और सुंदर दिखने के लिए प्रेरित किया है।
शिखी ने कहा कि भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी हल्के रंग को सुंदरता का पैमाना माना जाता है। इसलिए त्वचा के रंग को हल्का करने वाले, बालों को रंगने वाले और त्वचा के तेल पर नियंत्रण पाने वाले उत्पाद भारतीय पुरुषों में बेहद लोकप्रिय है।
साल 2016 की एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सौंदर्य उत्पाद का बाजार 6.5 अरब डॉलर का है जो मध्य वर्ग की बढ़ती आय से साल 2025 तक 20 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय पुरुषों में सौंदर्य के प्रति बढ़ती जागरूकता से पिछले पांच सालों में सौंदर्य प्रसाधन का बाजार 42 फीसदी से अधिक बढ़ा है।
दिलचस्प है कि कुछ सौंदर्य उत्पादों के विज्ञापन में अब महिलाओं की जगह पुरुष नजर आने लगे हैं। उदाहरण के लिए मेबेलाइन के बिग शॉट मस्कारा के विज्ञापन में एक पुरुष आंखों का मेकअप किए मोटे आईलैशेज और बढ़िया ढंग से काढ़ी गई दाढ़ी के साथ नजर आता है।
मॉडल्स के अलावा पुरुष गायकों, जैसे इंग्लिश-आइरिश पॉप बैंड वन डायरेक्शन ने भी सौंदर्य उद्योग में कदम रखा है और मेकअप के कई उत्पाद लांच किए हैं। इसी तरह से ग्रैमी अवार्ड विजेता जस्टिन बीबर ने निकोल बाई ओपीएल नाम से नेल पॉलिश के कलेक्शन का अपना ब्रांड लांच किया है।
बॉलीवुड सेलेब्रिटी भी पुरुषों में सौंदर्य के प्रति जागरूकता लाने में बड़ा योगदान दे रहे हैं। शाहरुख खान और जॉन अब्राहम आलोचनाओं के बावजूद लगातार गोरेपन की क्रीम का विज्ञापन कर रहे हैं।