सबगुरु न्यूज-सिरोही। अगर आप रईस हो और व्हाट्स-एप पर किसी अनजानी महिला का संदेश मिलता है तो उनके करीब जाने की बजाय दुराव बनाएं, वरना माउण्ट आबू समेत अन्य स्थानों पर हुए मामलों की तरह इज्जत और पैसे दोनों से हाथ धोना पड़ सकता है।
अब तक इस तरह के रैकेट मैट्रो सिटी में ही देखने और सुनने को मिले हैं। लेकिन बलात्कार के मामलों में पुलिस की कार्रवाई की कानूनी बाध्यता फायदा उठाने वाले रैकेट मेट्रो के अलावा कस्बाई क्षेत्रों रईसों को भी अपने निशाने पर रख चुके हैं। माउण्ट आबू में हाल ही में इस तरह के रैकेट के खुलासे ने यह स्पष्ट कर दिया है।
-रैकी करने के बाद ही आने हैं ऐसे संदेश
व्हाट्स-एप पर अनजानी महिला का संदेश आना कोई इत्तेफाक नहीं होता । यह रईसों को फंसाकर उनसे पैसा ऐंठने की एक आपराधिक योजना का हिस्सा होता है। इससे पहले यह रैकेट रईसों को सूचिबद्ध करता है। उनके व्हाट्स-एप नम्बर जुटाता है और फिर अपनी योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मालदार युवकों को व्हाट्स-एप के माध्यम से फंसाने की शुरूआत करता है।
-पुलिस गिरफ्त से बाहर माउण्ट आबू थानाधिकारी व अन्य
माउण्ट आबू में बलात्कार का मामला दर्ज करवाने की धमकी देकर पैसा वसूली के मामले में पुलिस ने जोधपुर के पत्रकार मोईनुल हक और इस घटना में शामिल महिला शिवानी की गिरफ्तारी के बाद कोई नई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस के हाथ में माउण्ट आबू के निवर्तमान थानाधिकारी समेत शेष तीन आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं किया गया है। जांच अधिकारी पाली के अतिरिक्त पुलिसअधीक्षक जयपालसिंह यादव ने बताया कि इस मामले में अभी कुछ नई जानकारी सामने नहीं आई है और न ही कोई नई गिरफ्तारी हुई है।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में माउण्ट आबू डीएसपी ने प्रीति कांकाणी ने माउण्ट आबू एसएचओ रामचन्द्रसिंह समेत जोधपुर के डिफेंस कॉलोनी निवासी कथित पत्रकार मोइनुल हक, व्यवसायी गोपाल सिंह ढेलाणा, चालक गोविंदराम मेघवाल, चौहाबो में भट्टी की बावड़ी निवासी शिवानी पुत्र जितेन्द्र सिंह तथा गोविंद सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।
-आखिर कबसे चल रहा है यह गोरखधंधा
माउण्ट आबू में होटल व्यावसायी को महिला के साथ पकडऩे और फिर उस पर बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करवाने की धमकी देते हुए 30 लाख रुपये ऐंठने के मामले में अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। अभी तक पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि जोधपुर से गिरफ्तार पत्रकार मोइनुल हक और महिला शिवानी किस तरह से एक दूसरे के और गैंग के अन्य लोगों के संपर्क में आए।
यह गैंग कब से सक्रिय है। माउण्ट आबू थानाधिकारी रामचंद्रसिंह राठौड़ कब से और कहां से इस गैंग के साथ काम कर रहे हैं। इससे पहले इस गैंग ने और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है और इस जैसे कई सवालों की जानकारी लेने के लिए पुलिस ने मोइनुल हक और शिवानी का पीसी रिमांड लिया है। रिमांड लेने के बाद पुलिसने इन दोनों हर उस जगह की मौका तस्दीक करवाई है, जहां पर 25 जून को यह लोग गए थे।
-सूचिबद्ध व्यापारियों से भी पूछताछ
सूत्रों के अनुसार माउंट आबू के दो और व्यापारियों से पुलिस ने पूछताछ की है। यह व्यापारी इस गैंग की उस हिटलिस्ट की सूची में शामिल हैं, जो कि उन्होंने माउण्ट आबू में अपने काम को अंजाम देने के लिए बनाई थी। इससे पहले पुलिस ने विकास अग्रवाल और राकेश अग्रवाल नाम के लोगों से इस मामले में जानकारियां ली थी। इस प्रकरण में आरोपियों पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 384, 388 और 120 बी दर्ज की है।