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BEd must in specific language for language teacher : HC
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भाषा अध्यापक के लिए भाषा विशेष में बीएड होना आवश्यक : हाईकोर्ट

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भाषा अध्यापक के लिए भाषा विशेष में बीएड होना आवश्यक : हाईकोर्ट

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अजमेर। राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ के न्यायाधीश कमलजीत सिंह अहलुवालिया ने व्यवस्था दी है कि भाषा अध्यापक के लिए उस विशेष भाषा में बीएड होना आवश्यक है। यदि बीएसटीसी के साथ बीए में उक्त भाषा का अध्ययन किया हो तो ही उस विषय को पढ़ाने के लिए योग्य माना जाएगा।

प्रार्थी पदमेश पाराशर ने एक रिट याचिका इस आधार पर दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट की एकलपीठ के न्यायाधीश ने यह व्यवस्था दी है।

प्रार्थी के बीए तथा बीएड में इंग्लिश विषय है तथा प्रार्थी ने रीट एवं आरटेट में भी इंग्लिश विषय है परन्तु राज्य सरकार ने राजस्थान प्राइमेरी व अपर प्राइमेरी परीक्षा, 2016 के विज्ञापन दिनांक 06.07.2016 में उन व्यक्तियों को भी इंग्लिश पढ़ाने के योग्य मान लिया जो रीट एवं आरटेट में इंग्लिश विषय था लेकिन ऐसे अभ्यार्थियों ने बीए व बीएड में इंग्लिश विषय नहीं है।

प्रार्थी अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि किसी विषय को पढ़ाने के लिए उस विषय में गहन ज्ञान होना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में विपक्षी द्वारा अयोग्य अभ्यार्थियों को योग्य बनाना जनहित के खिलाफ है व अतार्किक है।

उनका यह भी तर्क था कि मात्र रीट एवं आरटेट की परीक्षा पास करने के आधार पर ऐसे अभ्यर्थियों को योग्य नहीं माना जा सकता जबकि योग्य अभ्यर्थियों की एक लम्बी कतार है तथा रोजगार की तलाश में है। ऐसे में अयोग्य व्यक्तियों को नियुक्त नहीं दी जा सकती।

राज्य सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि विज्ञापन के अनुसार जिस अभ्यर्थी रीट एवं आरटेट में इंग्लिश विषय है वह अपर प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की योग्यता रखता है जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया।