पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर बेनामी संपत्ति को लेकर निशाना साधा।
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के पुत्र और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक ‘मुखौटा’ कंपनी ‘फेयरग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए बेनामी संपत्ति खरीदी है।
सुशील मोदी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कोलकाता के पी़ सरावगी तथा ए़क़े महेश्वरी ने वर्ष 1991 में फेयर ग्रो होल्डिंग नामक एक कंपनी 35 लाख की पूंजी निवेश कर बनाई। इस कंपनी का पता 130-1 बाकुल बगान रोड थाना-भवानीपुर, कोलकाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्वकाल काल (2004-2009) में राजद नेता प्रेमचंद गुप्ता के मित्रों ने इस कंपनी का दायित्व अपने हाथों में ले लिया।
इसके बाद कंपनी के निदेशक विजय पाल त्रिपाठी को बनाया गया, जो पूर्व से ही गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के भी निदेशक थे। इसके बाद वर्ष 2006 में फेयरग्रो कंपनी के निदेशक अनिल तुलस्यान को बनाया गया।
मोदी ने कई दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि 19 जून 2014 को पुराने निदेशकों को हटाकर लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव, तेज प्रताप और पुत्री चंदा यादव और रागिनी को कंपनी का निदेशक बनाया गया।
उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद जब रेलमंत्री थे, उसी दौरान इस कंपनी ने 76़ 32 लाख रुपए की लागत से एक मकान खरीदा। कंपनी के बैलेंस शीट में जहां 76़ 32 लाख रुपए में भवन दिखलाया जा रहा था, उसे अचानक वर्ष 2012 की बैलेंस शीट में 76.32 लाख की जमीन खरीदी दिखलाया जाने लगा।
भाजपा नेता ने दावा किया कि कंपनी में जिस जगह का पता दिया गया है, वहां ऐसी कोई कंपनी नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर इस कंपनी प्रारंभिक मालिक पी़ सरागवी तथा ए़क़े महेश्वरी ने 2006 में कंपनी को प्रेमचंद गुप्ता के लोगों को क्यों सौंप दिया और फिर इसे लालू के परिवार के लोग निदेशक कैसे बन गए।
उन्होंने यह भी सवाल किया है कि कंपनी के शेयरधारक खुद निदेशक नहीं बनकर तेजस्वी यादव और उनके परिवार को निदेशक क्यों बना दिया? सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद सत्ता का संरक्षण लेकर अपने बेटों को बचाने में लगे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है।