भोपाल। श्रावण मास की पूर्णिमा यानि रक्षाबंधन का पर्व 29 अगस्त, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
मालवा के ज्योतिर्विद एवं कर्मकांडी पंडित सोमेश्वर जोशी के अनुसार वर्षो बाद अति शुभ स्थिर योग बनने जा रहे हैं, जिसमें स्थिर सिंह लग्न में सूर्य-गुरु की युक्ति एवं स्थिर शनिवार रक्षाबंधन पर स्थिर रक्षा के योग बना रहा है।
2 अमृतमय सिंहस्त तथा सर्वार्थ सिद्दी और अमृत सिद्दी योग पूर्णिमा इस दिन को अति स्थिर शुभ योग में, जिसमे किसी भी वस्तु का मुहूर्त करेंगे वह स्थिर रूप से लाभकारी रहेगी। इस बार रक्षा बंधन को अति शुभ बनाएगा।
लगातार तीसरे वर्ष भद्रा का साया बरकार रखते हुए लगभग हर पूर्णिमा की तरह इस पूर्णिमा पर भी भद्रा रहेगी। यह प्रात: 3.26 से दोपहर 1.51 तक रहेगी तथा अगले वर्ष भद्रा तो रहेगी, परन्तु पुरे दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा।
वैसे तो श्रावणी कर्म सुबह ही होने का विधान हे परन्तु इस वर्ष भद्रा होने के कारण श्रावणी कर्म भी 1.51 बजे के पश्चात होंगे, क्योंकि पूर्णिमा प्रात: 3.25 से प्रारम्भ होकर देर रात तक रहेगी। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र है, जो 29 अगस्त को दोपहर 3.31 तक रहेगा।
दिन की भद्रा को अशुभ माने जाने के कारण रक्षा बंधन का त्यौहार दोपहर 1.51 के बाद ही मनाया जायेगा। रक्षाबंधन मुहूर्त बताते हुए पं. जोशी ने बताया कि वास्तविक चौघड़िया कभी भी 1.30 का नहीं होता और यह हर दिन अलग-अलग होता है।
रक्षा सूत्र बाँधने का शुभ समय
दोपहर 1.51 से 2.14 तक चर
दोपहर 2.15 से 3.51 तक लाभ
दोपहर 3.52 से 5.28 तक अमृत
सायं 6.42 से 8.20 तक लाभ
रात्रि 9.45 से 11.15 तक शुभ
रक्षा सूत्र बांधने का मन्त्र
ऊं येन बद्धो बलि राजाए दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वां प्रति बंधनामिए रक्षे मा चल मा चल।