भागलपुर। 31 मई, 2015 को सबौर के ठठेरी टोला में हुई नाबालिग की दुष्कर्म करने के एक मामले में प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने मुन्ना पांडे नामक युवक को फांसी की सजा सुनाई।
न्यायालय ने इस घटना को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर क्राइम करार देते हुए उसे 10 साल की कारावास के साथ-साथ पांच हजार जुर्माना की सजा भी सुनाई। स्पीडी ट्रायल के तहत युवक को दो फरवरी को ही दोषी करार दे दिया गया था।
वहीं, हत्या में शामिल एक अन्य आरोपी का ट्रायल जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड में ट्रायल चल रहा है। गौरतलब है कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के बाद मुन्ना पांडे नामक उक्त युवक ने शव को अपने ही घर में ही छुपा कर रखा था।
घटना के समय सबौर थाना क्षेत्र के ठठेरी टोला में रह रहे लड़की के परिजन 31 मई, 2015 को किसी काम के सिलसिले में बाहर गए हुए थे। घर पर 11 साल की लड़की और उसकी बड़ी बहन रह गई थी।
इसी बीच नाबालिग लड़की टीवी देखने पड़ोसी मुन्ना पांडे के घर चली गई। दो घंटे तक वापस नहीं आने पर उसकी बड़ी बहन ने फोन कर अपनी मां को बुलाया। इस दौरान मुन्ना पांडे घर में ताला लगाकर बाहर ही घूम रहा था।
लड़की की मां ने ताला खोलने को कहा तो उसने बड़े भाई फुच्चन पांडे द्वारा ताला लगाकर ससुराल जाने की बात कही। अगले दिन वापस आने पर चाबी मुन्ना के पास होने की बात कही।
इसके बाद ताला तोड़ा गया तो एक कमरे में साहिबगंज जिले के राजमहल शोभापुर गांव का मुन्ना का रिश्तेदार छिपा था और दूसरे कमरे में लड़की की लाश थी।