अजमेर। सनातन धर्म व सिन्धु संस्कृति को बचाने के लिए हमें महापुरुष राह दिखाते हैं। हमारे प्रेरणादायी सन्तों के त्याग से हम प्रेरणा लें। महापुरूष, संत व संगठन मिल कर युवा पीढी को माली रूप से हरा भरा कर रहा है और परिवार के साथ समाज को भी जोडें।
ये विचार हरिशेवा धाम, भीलवाडा के महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने भारतीय सिन्धु सभा की ओर से आयोजित दो दिवसीय सामाजिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के समापन अवसर पर सांवरिया धाम चित्तौडगढ में व्यक्त किए।
जम्मू कश्मीर स्थित सुथरेशाह फकीर दरबार के महंत सुभाष शाह ने कहा कि संतों के चरण स्पर्श से ही कल्याण हो जाता है। इनके साथ महंत जमना सांई ने भी आशीर्वचन दिए।
सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में मार्गदर्शक कैलाशचन्द ने कहा कि अभ्यास वर्ग में हमें देखना है कि संगठन का लक्ष्य क्या है, उसको प्राप्त करने की पद्धति समझकर उसकी पूर्ति के लिए हमें अभ्यास वर्ग में प्रेरणा मिलती है।
प्रदेश संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने दो दिवसीय अभ्यास वर्ग में विभिन्न सत्रों की जानकारी देते हुए कहा कि सभा का कार्य प्रत्येक तहसील तक सक्रिय रूप से चल रहा है जिसे पूज्य सिन्धी पंचायत सामाजिक संगठन व संतों के आशीर्वाद से पूर्ण किया जा रहा है।
राजस्थान प्रभारी गौतम सम्राट (अहमदाबाद) ने कहा कि एनसीपीएसएल द्वारा सिन्धी भाषा के स्वर्ण जयन्ती वर्ष में देश भर में 100 कार्यक्रम किए जाएंगे व आगामी 23 से 36 जून 2017 को लेह लद्धाख में आयोजित सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा में सम्मिलित होने का भी आव्हान किया।
सत्र में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी, प्रदेश उपाध्यक्ष वंदना वजीराणी (चित्तौडगढ), प्रदेश कोषाध्यक्ष सुरेश कटारिया ने भी विचार व्यक्त किए।
समाज की पीढी सुसंस्कारित हो : सांसद जोशी
अभ्यास वर्ग दूसरे दिन के प्रथम सत्र में सिन्धी भाषा की मान्यता को 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण वर्ष आयोजित करने के लिए योजना पर चर्चा की गई। सत्र में चित्तौड के सांसद सीपी जोशी ने विचार प्रकट करते हुए कहा कि अभ्यास वर्ग से भाषा व संस्कृति को बढाने का प्रयास किया जा रहा है। इन प्रयासों को ओर गति दी जाएगी।
आगामी 21 जनवरी को शहीद हेमू कालाणी के 75वें बलिदान दिवस पर देश भर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से हम प्रेरणा लें। जोशी ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति ने देश को जोडा है। सत्र में प्रदेश उपाध्यक्ष वंदना वजीराणी, उदयपुर की मोहिनी साधवाणी, अजमेर की सुनीता भागचंदाणी ने विचार प्रकट करते हुए कहा कि वर्ष भर होने कार्यक्रमों में मातृशक्ति सहयोग कर भाषा से जुडने के प्रयास करेगी।
शिक्षाविद् मनोहर कालरा ने प्रशासनिक पदों पर तृतीय भाषा के महत्व पर विचार रखते हुए देश भर में एकरूप से सिलेबस तैयार करने पर जोर दिया। सत्र का संचालन महेश टेकचंदाणी ने किया।
सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रियों को मिलेगा सरकार का सहयोग
अभ्यास वर्ग के उद्घाटन सत्र में राजस्थान सरकार के नगरीक विकास एवं स्वायत शासन मंत्री श्रीचन्द्र कृपलाणी ने कहा कि अभ्यास वर्ग में अलग अलग विषयों पर चर्चा होकर अमृत लेकर कार्यकर्ता संगठन हित में सेवा करेंगे और हमे सामाजिक कुरीतियों को त्याग कर सेवा कार्याें पर अधिक सहयोग करना है।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्याे का जिक्र करते हुए सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रियों को राज्य सरकार द्वारा सहयोग करने के साथ सिन्ध से हिन्दु परिवारों की नागरिकता के साथ शिक्षा व राजगार के लिए भी सहयोग करेगी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रान्त प्रचार प्रमुख मनोज ने कहा कि संघ के कार्याें से प्रेरणा लेकर सभा ने सभी को जोडा है। इतिहास से हमें प्रेरणा लेकर त्याग भावना से आगे बढकर दुनिया में रहने वाले परिवारों को भी जोडना है। हम राष्ट्रीयता व देश भक्ति का भाव जगाकर कर्तव्य निभाएं।
सत्र में हडक्याखल बालाजी मन्दिर महंत लक्ष्मीनारायण शर्मा ने आशीर्वचन प्रकट किए। प्रथम सत्र में पूज्य सिन्धी पंचायतवर्ष के विषय पर पुष्कर में तैयार 21 सूत्रीय घोषणा पत्र पर चर्चा की गई।
शहीद हेमू कालाणी की बलिदान के 75वें वर्ष 21 जनवरी के प्रस्तावित आयोजन, सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन बलिदान के कार्यक्रम व संगठनात्मक गतिविधियों की चर्चा के साथ युवा व मातृ शक्ति ईकाईयों का गठन की चर्चा की गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ भारत माता, ईष्टदेव झूलेलाल के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया। स्वागत भाषण व्यवस्था प्रमुख लक्षमणदास बूलचंदाणी व आभार रवि कृपलाणी ने प्रकट किया। सत्रों का संचालन प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया। अंत में सामूहिक राष्ट्रगान से वर्ग का समापन किया गया। अजमेर से 71 कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।