भरतपुर। तीन दिन पूर्व जिले के कस्बा नदबई में नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हुई मौत की घटना का राज खोलने के साथ ही पुलिस ने इस मामले में तीन लोंगों को पकडकर गहन पूछताछ शुरू की है।
पकडे गए मुख्य अभियुक्त की उम्र करीब 40 वर्ष है और वह विवाहित होने के साथ ही 15 वर्ष के बेटे का बाप है उसने अपने आप को अविवाहित तथा सरकारी कर्मचारी बताकर नाबालिग को अपने चक्कर में फंसाया था।
इसके अवैध संबंध बनाए तथा घटना वाले दिन राज खुलने पर ब्लैक मेलिंग करने के उद्देश्य से वीडियो क्लिपिंग भी तैयार कर ली जिससे परेशान होकर इस लडकी ने ट्रेन से कटकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
जिला पुलिस अधिक्षक कैलाशचंद विश्रोई ने बताया कि 27 जनवरी को कस्बा निवासी नाबालिग के परिजनों ने उसके अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या कर शव को रेल पटरियों पर डालने का मुकदमा दर्ज कराया था।
अनुसंधान मामले में आए संदिग्ध मोबाइल नम्बर की डिटेल के आधार पर कुछ संदिग्ध लोगों को राउण्ड अप किया गया। तथा गहन पूछताछ की गई।
मोबाइल विश्लेषण, संदिग्ध लोगों से पूछताछ व अब तक के अनुसंधान से पाया गया कि आरोपी मोहनसिंह उम्र 40 साल निवासी चिमनी थाना कुम्हेर ने करीब डेढ माह से नाबालिग छात्रा से फोन के जरिये संबंध बनाए और स्वयं को सरकारी नौकरी में होकर कुंवारा होने का झांसा देकर मृतका से उसकी अपरिपक्वता का फायदा उठाकर उससे मिलना झुलना शुरू कर दिया।
मृतका का मोहनसिंह से फोन पर वार्ता कर मिलना तय हुआ। इसी दौरान नाबालिग ने मोहनसिंह के दूसरे मोबाईल पर फोन किया जो उस दिन उसकी पत्नी के पास होने व उसके द्वारा फोन रिसीव करने पर महिला की आवाज सुनकर वह शंका व तनाव में आ गई।
उन्होंने बताया 26 जनवरी को मोहन सिंह नदबई पहुंचा तथा मोबाईल से बहला फुसलाकर घर से बाजार बुलाया और अपने दोस्त सोनू पुजारी निवासी कवई थाना नदबई हाल बीबीएन स्कूल के पास कस्वा नदबई को बाईक सहित बुलाकर उसकी बाईक पर नाबालिग लडकी को अपने दोस्त गजेन्द्र उर्फ गज्जू निवासी बैलारा थाना नदबई के खेत पर ले गए।
खेत में बने कमरे में मोहनसिंह ने मृतका के साथ दुष्कर्म किया। उसका मोबाइल से वीडियो बनाया एवं सोनू पुजारी व गजेन्द्र ने कमरे के गेट पर निगरानी में रहकर उसका सहयोग किया। मोहनसिंह का फोन किसी औरत द्वारा उठाने को लेकर दोनों में विवाद हुआ कि जब वह कुंवारा है तो फोन कौन उठा रही है।
मोबाईल से वीडियो डिलीट करने की जिद की परन्तु मोहनसिंह नहीं माना ओर वापस सोनू ने अपनी बाईक से मोहनसिंह और नाबालिग छात्रा को खांगरी फाटक के पास छोड दिया। मोहनसिंह नावालिग छात्रा को अपने घर जाने की कहकर स्वयं अपनी बहन के यहां नामखेडा चला गया।
उन्होंने बताया कि नाबालिग बालिका अपने साथ हुए झांसे, ब्लैकमेल (मोबाईल में वीडियो) व दुष्कर्म से मानसिक दबाव में आ गई और इस हादसे से उबर नहीं पाई और घर जाने की हिम्मत नहीं कर पाई और परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा के मध्येनजर रखते हुए अपने अपहरण की कहानी घर वताई।
फिर रात्रि को पुन: मोहनसिंह की पत्नी के फोन पर कॉल किया और सामने से महिला की आवाज आई जिस पर स्वयं कुछ नहीं बोली और फोन काट दिया। इस प्रकार मोहनसिंह द्वारा अपने साथ किए धोखे व शारीरिक शोषण से परेशान होकर उसने खांगरी फाटक के आसपास सुनसान जगह पर 27 जनवरी को तडके उसने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली।