भरतपुर। भरतपुर शहर की ऐतिहासिक एवं जीवनदायिनी रही सुजानगंगा नहर का सौंदर्यकरण, संरक्षण एवं जीर्णोद्धार करने के प्रयास फिर से शुरू किए गए हैं।
गुरूवार को राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लाखावत के भरतपुर दौरे पर कलैक्ट्रेट में आयोजित बैठक में सुजानगंगा नहर की स्थिति सुधारने पर कवायद तेज हुई।
बैठक में जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णेन्द्र कौर, भरतपुर सांसद बहादुर सिंह कोली, स्थानीय विधायक विजय बंसल सहित जिला कलैक्टर एवं पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक से पूर्व सभी मंत्री, सांसद व विधायक ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुजान गंगा नहर का मौके पर जाकर मुआयना भी किया।
उल्लेखनीय है कि भरतपुर (लोहागढ़) किले के बाहर चारों ओर बनी हुई यह नहर यहॉ की जनता के लिये लाइफलाइन रही है। एक समय था जब शहर की जनता के लिए पीने के अलावा अन्य सभी कार्यों के लिए पानी का काम नहर से ही चलता था तथा नहर के चारों तरफ बने कुओं से पीने के पानी की आपूर्ति होती थी।
सुजान गंगा नहर का ऐतिहासिक महत्व रहा है। इसी नहर के चलते कोई भी विदेशाी ताकतें यहां के किले पर विजय हासिल नहीं कर पाईं। इसी कारण इसका नाम लोहागढ़ दुर्ग पड़ा।
गौरतलब है कि ऐसी महत्वपूर्ण नहर की स्थिति विगत 50 वर्षो से अत्यधिक खराब है और इसके सुधार हेतु उच्च न्यायालय में एक रिट पिटीशन भी लगी हुई हैं।