जबलपुर। भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस से जुड़े लोगों की यदि भाजपा वाले न सुनें और, उन्हें कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की शरण लेनी पड़े, तो इससे भाजपाइयों के दंभ, अकड़, अहंकार और मनमानी नहीं तो और क्या कहा जाएगा।
संगठन मंत्री की मौजूदगी में किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों की बात जब भाजपा वालों ने नहीं सुनी और तू-तड़ाक हो गई, तब उन्हें कांग्रेस विधायक तरुण भनोत की शरण लेनी पड़ी। भनोत ने सदाशयता का परिचय देते हुए उनकी बात विधानसभा में रखने का आश्वासन दिया है।
अच्छे दिन पर बिगड़ी बात
संघ से जुड़े संगठन भारतीय किसान संघ का पाटन में मिलन कार्यक्रम था। यहां भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष शिव पटेल किसानों से संबंधित शिवराज सरकार की योजनाओं की तारीफ कर रहे थे। इस पर किसान संघ के संगठन मंत्री भरत पटेल ने आपत्ति लेते हुए कहा था, कि किसानों ने सीएम को कई बार कृषि कर्मण अवॉर्ड दिलाया, लेकिन उनकी समस्या जस की तस हैं।
यही नहीं केन्द्र सरकार के बजट की कुल आय में से मात्र 2.6 फीसदी हिस्सा ही किसानों को दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही किसानों के ‘अच्छे दिन’ हैं। भाजपा सरकार की योजनाओं और नीतियों से किसानों को हो रहे नुकसान को लेकर किसान संघ नाराज है। उसने कई बार इस संबंध में नाराजगी जताई है।
बीते दिनों भोपाल में इसी संबंध में एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन भी हुआ था। जबलपुर की तरह प्रदेश के कई हिस्सों से भी किसानों की नाराजगी संबंधी बातें सामने आ रहीं हैं। किसान संघ के पदाधिकारियों ने जब तरुण भनोत को ज्ञापन सौंपा, तो वे मुस्कुरा उठे।
बातों-बातों में उन्होंने ये भी कह दिया कि हमारी सरकार होती, तो किसानों के इतने ‘बुरे दिन’ कभी आते। तरुण ने आश्वासन दिया कि किसानों की समस्याओं को वे ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधानसभा में रखेंगे।