जालौर। जोधपुर से भीलड़ी के बीच चलने वाली डिमु सवारी गाडीयो में यात्रियों कि आवागमन ज्यादा होने के कारण ईस सवारी गाडीयो मे यात्री जान जोखिम में डालकर फाटक पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं।…
राजस्थान पिछड़ा क्षेत्र विकास संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीरसिंह राजपूरोहीत व सामाजिक कार्यकर्ता जगमालसिंह राजपुरोहित को यात्रियों ने बताया कि डिमु सवारी गाडी में
(शुक्ल पक्ष कि एकम् से पुर्णिमा तक) पन्द्रह दिन जालौर, मारवाड़ बागरा, बाकरारोड, मोदरान, मारवाड़ भीनमाल व धनेरा ज्यादा यात्री सवारी मोदरान मे श्रीआशापुरी माताजी तीर्थ भीनमाल में श्री सुन्धामाताजी, श्री क्षेत्रीय माताजी व जालौर मे श्री सीरेमन्दिर धाम पर आने जाने के लिए दर्शनार्थ यात्री ज्यादा रहते है, जिससे पुन:12 डिब्बों की पुरानी सवारीगाडी शुरू करने कि मांग की है|
राजस्थान पिछड़ा क्षेत्र विकास समिति ने यात्रियों की मांग को देखते हुए मण्डल रेल प्रबंधक ( राजीव शर्मा) जोधपुर व (आर. सी. अग्रवाल) उपरे महाप्रबंधक, जयपुर से आग्रह किया है कि पुन:ईस रेलमार्ग पर पहले चलती थी वो सवारी गाड़ी 12 डिब्बों के साथ चलाया जाये वही संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि पिछले चार साल से जोधपुर – भीलड़ी के बीच चलने वाली नियमित रेल को पालनपूर तक नही बढाया है। अगर पालनपूर तक बढा दिया तो यात्रियों को पालनपूर से सभी लम्बी दूरी की यात्री गाड़ी मिल सके।
वरना यात्रियों व ग्रामीणों को 31दिसम्बर से धरना प्रदर्शन व रेल रोको आंदोलन की शुरूआत करने को एक बार फिर मजबुर होना पडेगा|पालनपूर तक सवारीगाडी नही बढाई गयी तो31दिसम्बर से समदड़ी-भीलड़ी रेल मार्ग पर रेल रोको आंदोलन की शुरूआत होगी
समदड़ी – भीलड़ी रेलमार्ग ब्रॉडगेज परिवर्तन के चार साल बित जाने के बावजूद रेलवे के उदासीनता के कारण बाड़मेर जालौर व बनासकांटा जिलो के ग्रामीण इलाकों के लोगों को नियमित यात्री रेलगाड़ीयो से पालनपूर तक नहीं जोडा गया है।
जिससे इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नियमित पालनपूर दिसा गुजरात दवाइयां व अन्य सामान लेने के लिए नियमित जाना आना रहता है वही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की माँग है कि जोधपुर-भीलड़ी सवारी गाडी नम्बर 54821 /22 व 54831 /32को पालनपूर तक चलाया जाये।
ये सवारी गाड़ी भीलड़ी तक ही चलती है जिससे इन्ह जिलों को 20तहसिल मुख्यालयों के सैकड़ों गावों के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को समय व मनमाने तरीके के किराये से राहत मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने बताया कि बाकरारोड धानसा सिवाना व मवड़ी से दिसा पालनपूर ट्रेक्सी किराया तीन सौ रूपये लिये जाते है जबकि रेल मार्ग से समय व धन की बचत होती है।
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि 31दिसम्बर 2014 तक पालनपूर तक रेलमार्ग पर नियमित सवारीगाडी नहीं चली तो एकबार फिर रेल रोको आंदोलन करने को मजबूर होना पडेगा
यात्री बार ज्यादा होने के कारण इन्हें डेमो सवारी गाडी मे डिब्बे बढाने की मांग भी कि है