भीलवाड़ा। सरकार की कृषि विकास एवं कृषक हितकारी योजनाओं ने आम किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देकर विकास की मुख्य धारा में लाने की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका अदा की है।
आज सरकार की योजनाओं से खेती-बाड़ी को हर दृष्टि से सम्बल प्राप्त हो रहा है और किसानों की माली हालत में सुधार आ रहा है। किसान भी इस बदलाव को दिल से महसूस करने लगे हैं। काश्तकारों का मानना है कि सरकार किसानों के उत्थान और कृषि विकास के लिए इतना कुछ कर रही है कि किसान जागरुकता अपनाते हुए इनका लाभ लें तो धरती सोना उगलने लगे।
सरकार की कृषि विकास योजनाओं का लाभ पाकर किसान अब कृषि उन्नयन के तमाम उपायों और सुविधाओं को अपनाकर सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी अदा कर रहे हैं।
इससे ग्रामीण विकास को भी सम्बल प्राप्त हुआ है और कृषि तथा इससे संबंधित कारोबार एवं छोटी-बड़ी औद्योगिक गतिविधियों को भी मजबूती मिली है।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कृषि विभाग द्वारा कृषक कल्याण एवं कृषि विकास की दिशा मेंं सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं और इससे किसानों की जिन्दगी संवरने लगी है।
बड़ी संख्या में महिला कृषक भी हैं जिन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ पाकर अपनी तकदीर और खेत की तस्वीर बदलने में आशातीत सफलता हासिल की है। इन्हीं में एक महिला कृषक हैं प्रेम देवी मीणा। वे केकड़ी रहती हैं किन्तु इनके खेत माण्डलगढ़ पंचायत समिति अन्तर्गत गेणोली ग्राम पंचायत के कुण्डालिया गांव में हैं।
प्रेम देवी ने 3 साल पहले गेणोली गांव में खेती-बाड़ी के इरादे से कृषि भूमि क्रय की लेकिन सिंचाई की व्यवस्था का अभराव होने से खरीफ की फसलें नहीं ले पा रहे थे। इस बीच उनके पति श्री मोहनलाल मीणा ने इस बारे में कृषि विभाग से सम्पर्क किया और अपने खेत की इस समस्या के बारे में कृषि विभाग के अधिकारी (फसल) महेश कुमार कुमावत (कोटड़ी) से चर्चा की।
इसके बाद कुमावत ने खेत में सिंचाई सुविधा के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत आवेदन कराया। यह कार्य चालु वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्वीकृत हुआ। कृषि पर्यवेक्षक नंदलाल सेन की देखरेख में कार्य सम्पादन हुआ। इस फॉर्म पौण्ड के निर्माण में 1 लाख 20 हजार रुपए की लागत आई। इसमेंं से आधी राशि 52 हजार 500 रुपए का अनुदान कृषि विभाग से प्राप्त हुआ।
फॉर्म पौण्ड बनते ही इसमें पानी भरना आरंभ हो गया। पूरा भर जाने के बाद खेत में खरीफ में जीवनरक्षक सिंचाई दी गई व रबी के लिए 8 बीघा में गेहूं की बुवाई की गई। महिला काश्तकार प्रेम देवी का कहना है कि फार्म पौण्ड (खेत तलाई) निर्माण से वह बेहद खुश है तथा उसे लगता है कि उसके खेत में लहलहाने वाली फसलें अब खलिहान भरने और समृद्धि देने का आनंद देंगी।
डॉ. दीपक आचार्य
सहायक निदेशक (सूचना एवं जनसम्पर्क) भीलवाड़ा