भरुच। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर अब उल्टी गिनती शुरु हो गई है वहीं शिवालयों में भोलेनाथ की पूजा व अर्चना के लिए अभी से तैयारी तेज कर दी गई है।
दक्षिण के सोमनाथ के रुप में पहचाने जाने वाले भरुच जिले की जंबूसर तहसील के कंबोई गांव के पास स्थित दरिया के किनारे विराजित श्री स्तंभेश्वर महादेव को महाशिवरात्रि के अवसर पर सात मार्च को पांच नदियों के जल से जलाभिषेक किया जाएगा।
इसके साथ ही साथ भगवान भोले नाथ को दो सौ लीटर गाय के दूध व बारह सौ लीटर गन्ने के रस से महारुद्राभिषेक अनुष्ठान के भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कंबोई के पास दरिया के पास स्तंभेश्वर महादेव का पौराणिक मंदिर स्थित है। आज यह तीर्थ धाम दक्षिण के सोमनाथ के रुप में जाना जाता है।
महाशिवरात्रि पर्व के अलावा सावन माह व शनिवारी अमावस्या को यहा हजारो भक्त स्तंभेश्वर महादेव के दर्शन व पूजन के लिए दूर दराज के इलाके से आते हैं। कंबोई में महाशिवरात्रि के पर्व पर स्तंभेश्वर महादेव में महारुद्राभिषेक अनुष्ठान व महापूजा के भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
स्तंभेश्वर महादेव आश्रम के विद्यानंद गिरी महाराज ने बताया कि भोलेनाथ को पांच नदियो के पवित्र जल से अभिषेक किया जाएगा। इसमें गंगा, नर्मदा, साबरमती, तापी व मही नदी का पवित्र जल लाकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शिव जी की अभिषेक पूजा की जाएगी।
महारुद्राभिषेक अनुष्ठान कार्यक्रम के दौरान श्री स्तंभेश्वर महादेव को भक्तों की ओर से दो सौ लीटर गाय का दूध व बारह सौ लीटर गन्ने के रस के द्रारा अभिषेक किया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन आने वाले भक्तों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई है। बीस पंडितो की ओर से महाशिवरात्रि पर्व पर महापूजा व अनुष्ठान किया जाएगा।
सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक खुला रहेगा मंदिर
कंबोई में स्थित स्तंभेश्वर महादेव का शिवलिंग दरिया की भरती के समय पानी में समा जाता है। भरती के चले जाने के बाद ही लोग शिवलिंग का दर्शन कर पाते हैं। इस साल सात मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व के अवसर पर सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक तथा इसी दिन रात नौै बजे से मंगलवार की सुबह चार बजे तक भक्त महादेव के दर्शन का लाभ ले सकेंगे।