भोपाल/पन्ना। मध्यप्रदेश में अनेक बैंक शाखाओं में सुरक्षा की अनदेखी कर बैंक एटीएम की सुरक्षा अनदेखी की जा रही है। राजधानी भोपाल समते प्रदेशभर में अधिकांश बैंकों के एटीएम लावारिस स्थिति में हैं। वहां तो कोई सुरक्षा गार्ड होता है और न ही अन्य किसी तरह की सुरक्षा के इंतजाम।
गौरतलब है कि पन्ना जिले में लगभग विभिन्न बैंकों की लगभग एक दर्जन से अधिक शाखाएं हैं जहां पर बैंकों की सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। वहीं दर्जनों ऐसे एटीएम है जहां पर सुरक्षा गार्ड तक नहीं लगाए गए हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।
जिले के अधिकांश बैंक शाखाएं सुरक्षा के नाम पर कोताही बरत रही हैं। जहां पर लोगों को अनहोनी व लूट जैसी घटनाओं का हमेशा डर बना रहता है। इन बैंक शाखाओं में न तो स्वयं का भवन है और न ही सुरक्षा के कोई इंतजाम है।
अगर कुछ बैंकों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश बैंक शाखाओं में सुरक्षा के नाम पर महज एक सुरक्षा गार्ड ही रखा गया है जिसके पास हाथ में डंडे के अलावा कुछ भी नहीं है। वहीं कुछ ऐसी भी बैंक शाखाएं हैं जिनके पास सुरक्षा के नाम पर एक बन्दूकधारी गार्ड ही तैनात किया गया है जिसके द्वारा बैंकों की सुरक्षा की जा रही हैं। यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों की है।
होता है लाखों का कारोबार
प्रदेशभर में अधिकांश बैंकों में प्रतिदिन लाखों रूपए का कारोबार बैंकों के माध्यम से किया जाता है। इसके बाद भी बैंकों में सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बैंकों की दर्जनों शाखाओं में उपभोक्ताओं के पैसे का लेनदेन का कार्य, निजी भवनों में संचालित किया जा रहा हैं।
बैंकों के काउंटर पर लगने वाली भीड़ से बचाने के लिए शाखाओं द्वारा एटीएम जैसी सुविधाओं की भी व्यवस्थाएं कराई गई है। लेकिन रोजाना लाखों रूपए का वितरण करने वाली शाखाओं के साथ एटीएम मशीन अपनी ही सुरक्षा में असुरक्षित है। वहीं छोटे स्तर पर कार्य करने वाले ग्रामीण बैंकों में भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं कराई जा रही है।
बिना हथियारों के सुरक्षा गार्ड
जिले में बढ़ रहे अपराधों के ग्राफ व लूट के घटनाओं के बाद भी बड़े प्रतिष्ठित बैंक शाखाओं के साथ छोटे स्तरीय ग्रामीण शाखाओं के बैंक के एटीएम में भी सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। जबकि आरबीआई के निर्देशों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी एवं अन्य हथियारबंद सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था को अपनाने की सलाह दी गई है।
लेकिन अधिकांश बैंक प्रबंधन अपनी मनमानी में इन उपायों की अनदेखी कर देता है। जिसके कारण आज भी जिले के दर्जनों बैंक शाखाओं के साथ अनेक एटीएम भी बिना सुरक्षा गार्ड के ही संचालित हो रही है, अगर सुरक्षा के नाम पर गार्ड की तैनाती की गई है तो बंदूक के सहारे ही बैंक की सारी जिम्मेदारी थमा दी गई है।
बिना सीसीटीवी के संचालित बैंक
जिला मुख्यालय के बड़े बैंकों को छोड़ दे तो अधिकांश मध्यम तथा छोटे स्तरीय बैंकों में सीसीटीवी कैमरोंकी अनदेखी की जाती रही हैं। वहीं लाखों रूपए से सजी एटीएम मशीनों की सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा गार्ड तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिसके कारण कभी भी घटना होने पर संबंधित व्यक्तियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाता है। जिससे पुलिस को अपराधियों को ढूढ़ने में परेशानी होती है। जिला मुख्यालय में एसबीआई, यूनियन सहित अन्य प्रतिष्ठित बैंकों को छोड़कर शेष बैंकों में सीसीटीवी कैमरे जैसी कोई सुविधा नहीं के बराबर उपलब्ध कराई गई हैं।
लावारिश एटीएम मशीनें
जिला मुख्यालय स्थित बैंकों द्वारा विभिन्न स्थानों पर एटीएम मशीने रखी गई हैं, जहां पैसे की सुरक्षा के लिए बैंक प्रबंधक द्वारा न तो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और न ही उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा गार्ड की व्यवस्थ कराई गई है।
एटीएम मशीन रूम के दरवाजे 24 घण्टे खुले रहते है। इस दौरान उपभोक्ताओं द्वारा निकासी पर अन्य दूसरे की निगाहे जमी रहती है। यहां तक कि पैसे निकाल रहे व्यक्ति द्वारा मना करने पर वे बात को अनसुना कर देते है। लाचारी में पैसे निकाल रहे उपभोक्ता चुपचाप पैसा निकाल वहां से निकल जाते है।
उल्लेखनीय है कि शहर में विभिन्न बैंकों की आधा दर्जन एटीएम लगी हुई है एटीएम की सुरक्षा के लिए न तो कमरे में सीसीटीवी कैमरे को ही लगाया गया है और न ही गार्ड की व्यवस्था कराई गई है।