भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक नवंबर की रात कोचिंग से लौट रही छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों की डीएनए जांच रिपोर्ट भी आ गई है। इस रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।
दुष्कर्म की जांच के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सुधीर लाड़ के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया गया है। चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, साथ ही युवती ने भी उनकी पहचान कर ली है।
सूत्रों के अनुसार चारों आरोपियों के नमूनों की सागर की फॉरेंसिक लैब से डीएनए रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट से दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। लगभग एक सप्ताह के भीतर इस मामले का चालान न्यायालय में पेश करने की तैयारी चल रही है।
ज्ञात हो कि एक नवंबर की रात कोचिंग से लौट रही पुलिस दंपत्ति की बेटी से चार लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी की। साथ ही उसे एक से दूसरे थाने भगाया गया, और प्राथमिकी दर्ज कराने में दो दिन लग गए।
इस मामले में तूल पकड़ने पर तीन थाना प्रभारी, दो उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं एमपी नगर के नगर पुलिस अधीक्षक, भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल की पुलिस अधीक्षक रेलवे का तबादला किया गया।
दुष्कर्म के मामले को लेकर पुलिस और सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उसके बाद उच्च न्यायालय जबलपुर ने भी पुलिस को फटकार लगाई और महिला आयोग ने तो गलत रिपोर्ट देने वाले चिकित्सकों का पंजीयन रद्द करने की बात कही है।
यहां उल्लेखनीय है कि दुष्कर्म की जो रिपोर्ट चिकित्सकों ने बनाई थी, उसमें दुष्कर्म के बजाय युवती द्वारा आपसी सहमति से संबंध बनाने की बात कही गई थी। इससे मामले में चिकित्सकों की लापरवाही साफ तौर पर उजागर हुई थी।