नई दिल्ली। 14 नवंबर की रात को एक दुर्लभ नजारा दिखाई देगा। इस दिन सन् 1948 के बाद से पहली बार एक अदभुत खगोलीय घटना होगी जिसे दुनिया भर में देखा जा सकता है लेकिन हो सकता है कि आप इसे न देख पाएं क्योंकि आपके इलाके में बादल छाए हो सकते हैं लेकिन इसको ऑनलाइन भी देखा जा सकता है।
कई स्थानों पर इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस अदभुत नजारे को सुपरमून कहा जाता है। सुपरमून के दिन चंद्रमा अपने ऑर्बिट में घूमता हुआ पृथ्वी के सबसे नजदीक आ जाता है। नासा के मुताबिक इस दिन चांद अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा बड़ा दिखाई देगा।
यह अद्भुत नजारा अगर आप छोड़ देते हैं तो इसे दोबारा देखने के लिए आपको 2034 तक का इंतजार करना होगा। वैसे हर साल इस दौरान चांद पृथ्वी के निकट आता है लेकिन इस बार नजारा अलग होगा। नासा के वैज्ञानिक नोहा पेट्रो के मुताबिक जनवरी 1948 के बाद से चांद कभी भी पृथ्वी के इतना करीब नहीं आया है।
नासा के मुताबिक मुताबिक चांद पृथ्वी की कक्षा में अंडाकार पथ पर करीब तीन लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की औसत दूरी में चक्कर लगाता है। लेकिन सोमवार को यह दूरी घटकर 3 लाख 56 हजार 568 किलोमीटर रह जाएगी। इस दूरी को पृथ्वी के केंद्र से चांद के केंद्र की बीच की दूरी में मापा जाता है।
माना जा रहा है कि इस दौरान चांद 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकदार दिखाई देगा। शायद आमजन को कुछ खास अंतर नजर ना आए लेकिन लगातार चांद पर नजर रखने वालों के लिए अंतर काफी स्पष्ट होगा।