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bihar boat tragedy : death toll rises to 25, pm offers Rs 2L ex gratia for kin of dead
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बिहार नाव हादसा : 25 की मौत, नीतीश ने अपने सभी कार्यक्रम किए रद्द

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बिहार नाव हादसा : 25 की मौत, नीतीश ने अपने सभी कार्यक्रम किए रद्द
bihar boat tragedy : death toll rises to 25, pm offers Rs 2L ex gratia for kin of dead
bihar boat tragedy
bihar boat tragedy : death toll rises to 25, pm offers Rs 2L ex gratia for kin of dead

पटना। बिहार की राजधानी पटना के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी घाट पर गंगा दियारा में मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल होने के बाद लौट रहे लोगों की नौका डूब गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हैं।

रविवार सुबह नौ बजे चार और शव मिले हैं, ऐसे में इस हादसे में मरने वालों की संख्या 25 हो गई है। सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को मामले की जांच का निर्देश दिया है। उन्होंने मृतक के परिजनों को फौरन अनुग्रह राशि देने का आदेश भी दिया।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गंगा दियारा में नाव डूबने की घटना दुखद है। विभागों को बचाव और राहत कार्य में तेजी लानी चाहिए। उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मामले पर दुख जताते हुए कहा कि गंगा में नाव डूबने की घटना से दुःखी हूं। सरकार की तरफ से संबंधित विभागों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दे दिया गया है।

वहीं, पीएम मोदी ने भी हादसे में मरने वालों के प्रति संवेदना जताई है। साथ ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से बिहार नाव हादसे के मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपए मुआवजा दिए जोन की घोषणा की है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दियारा से लौट रही एक नाव देर शाम एनआइटी घाट के पास गंगा नदी में डूब गई। नौका में 60 से 70 लोग सवार थे, जिसमें से कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए जबकि 25 की लोगों की डूबकर मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नाव पर क्षमता से काफी ज्यादा लोगों के सवार होने से यह हादसा हुआ।

नाव जैसे ही किनारे से 15 मीटर आगे बढ़ी ज्यादा वजन होने के कारण गंगा की धारा में बैठ गई। कुछ लोगों का कहना था कि एक छेद था, जिसके कारण नाव में अचानक पानी भरने लगा। घटना के बाद कोहराम मच गया और पीछे से आ रही नाव पर बैठे लोग चिल्लाने लगे। लोगों ने नाव पर से ही अधिकारियों को फोन लगाना शुरू किया।

गंगा घाट पर चीत्कार मच गया और लॉ कॉलेज घाट पर खड़े लोग चिल्लाने लगे। सुरक्षा की कोई व्यवस्था न देखकर लोग प्रशासन को कोस रहे थे। शिनाख्त हुए 21 मृतकों में 13 पुरुष, 4 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं, इनमें से 19 बिहार के ही निवासी हैं।

जानकारी के मुताबिक पटना के एक परिवार ने अपने चार सदस्यों को खो दिया। अभी तक दो शवों की पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों में 9 पटना जिले के रहने वाले हैं।

नाव हादसे के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन जो रविवार यानी 15 जनवरी को होने वाला था को रद्द कर दिया है। हार्डिंग रोड में आयोजित होने वाले इस भोज की पूरी तैयारी हो चुकी थी लेकिन देर शाम दुखद नाव हादसे के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने इसे रद्द करने का निर्णय लिया।

प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन कुमार आर्य ने यह जानकारी दी। पार्टी सूत्रों के अनुसार नाव हादसे की जानकारी के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोज रद्द करने का सुझाव दिया, साथ ही उन्होंने रविवार को होने वाले अपने सभी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है। इसे प्रदेश अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया।

बीते 19 साल से आयोजित हो रहा यह भोज 20वें साल नहीं हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि 20 नवम्बर को कानपुर में रेल हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने बिहार सरकार की ओर से जारी होने वाले रिपोर्ट कार्ड समारोह को रद्द कर दिया था। नाव हादसे के बाद से ही जदयू अध्यक्ष के भोज रद्द होने की चर्चा होने लगी।

देर रात खुद प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं से भोज रद्द करने की विधिवत घोषणा कराई। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नाव दुर्घटना पर शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। नीतीश सरकार ने नाव हादसे के बाद मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्र की ओर से मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपए देने की घोषणा की है। हादसे के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है।

प्रेम कुमार ने कहा कि इस हादसे के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौके पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और यह बड़ी चूक है।

नाव हादसे में मारे गए मृतकों की सूची भूलन प्रजापित (देवरिया), प्रेम कुमार मुर्मू (दुमका), सोनू कुमार (बक्सर), राज कुमार (पटना), विपुल कुमार (बिहटा), मेघू साह (महेंद्रू), रूपा देवी (पंडारक), शांति देवी ( मैरवा), फुदकी (दरभंगा), लाडो (महेंद्रू), आदित्य(गोपालपुर), ज्ञान शरण (मुन्ना चक), अभिषेक श्रीवास्तव (पटना सिटी), अभिषेक कुमार (सीतामढ़ी), आरती देवी (महेंद्रू), सृजन (प. चंपारण), अनुंरजन (रोहतास), मोहम्मद दिलशाद (अररिया) और अंजलि ( लहेरिया सराय) दरभंगा की रहने वाली थी।