पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पुनपुन प्रखण्ड के जट डुमरी पंचायत के सम्मनचक महादलित टोला में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित झंडोत्तोलन समारोह में शामिल हुए। सम्मनचक के बुजुर्ग महादलित सदस्य चंद्रिका मोची ने झंडोत्तोलन किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महादलित टोलों में गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उस टोले के बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा झंडोत्तोलन की परम्परा की शुरूआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम को देखकर तथा इसमें शामिल होकर काफी प्रसन्नता हो रही है। यह कार्यक्रम पूरे राज्य में धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस इलाके से मेरा पुराना संबंध है। इस क्षेत्र के लोगों के सहयोग से मैं पांच बार सांसद बना। इस योगदान के लिऐ मैं आपलोगों को कभी नहीं भूला सकता। आपलोगों ने जो प्रेम, स्नेह दिया है, इसके लिए मैं हमेशा आप लोगों का आभारी रहूंगा और जिस क्षमता में रहूंगा आपकी सेवा करता रहूंगा। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है। यह कार्यक्रम अनुकरणीय है और आशा है आने वाले समय में देश के अन्य हिस्सों में भी इसे अपनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के अंतिम पायदान के लोगों के लिए काम करना सरकार की प्रतिबद्धता है और सरकार के न्याय के साथ विकास का लक्ष्य भी है। हमारी सरकार वंचितों को मुख्य धारा में लाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। महादलितों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलायी जा रही हैं। महादलित विकास मिशन का गठन किया गया है। अतिपिछड़ों के विकास के लिये कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पंचायती राज संस्थाओ में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसका अनुकरण देश के अन्य हिस्सों में हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण मिडिल स्कूल के बाद शिक्षा जारी नहीं रख पाने वाली छात्राओं के लिए हमारी सरकार ने पोशाक योजना, साईकिल योजना की शुरूआत की। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम अपनाए गए। छात्रों को भी साइकिल का लाभ दिया गया। नतीजा हाई स्कूलों में लड़कियों की संख्या लड़कों के बराबर हो गई।
महिला सशक्तिकरण की कड़ी में आगे स्वयं सहायता समूह के गठन को बढ़ावा देकर पांच साल में 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इससे महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जनजागरण आया और महिलाएं बाल विवाह, भू्रण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संगठित होने लगी है।
समाज को बदलने के लिए लोगों के विचार मे परिवर्तन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने चुनाव के पूर्व किऐ गऐ वादे के अनुरूप शराबबंदी के लिये नई नीति लाने का एलान किया है। यह नीति एक अप्रेल से लागू होगी। उन्होंने कहा कि अब महिलाओं की जिम्मेवारी है कि इसके लिऐ वातावरण बनायें और लोगों को जागरूक करें। शराब पीने से गरीब आदमी का स्वास्थ्य तो खराब होता ही है उनके बच्चों का भविष्य भी खराब हो जाता है। शराबबंदी के लिए जनजागरण जरूरी है। शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए कई काम किए जा रहे हैं।