पटना। कल्पना कीजिए ग्रामीण विद्यालय की कक्षा में बोरे पर बैठा एक छोटा सा बालक। उसे प्यास लगती है तो वह पानी पीने जाता है। मगर दलित परिवार में जन्म लेने के कारण वह अछूत व बहिष्कृत है। वह स्वयं पानी का स्पर्श नहीं कर सकता अन्यथा पानी ऊंची जात वाले बालकों के लिए अपवित्र हो जाएगा।
एक चपरासी आता है और ऊंचाई से पानी गिराता है। तब जाकर बालक की प्यास शान्त होती है। जिस दिन चपरासी छुट्टी पर होता है, बालक प्यास सहता है। कुछ ऐसा था डॉ. भीमराव अम्बेडकर का बचपन। ऐसे अनुभवों से डॉ. अम्बेडकर का संकल्प शिथिल नहीं हुआ। आज डॉ. अम्बेडकर देशभक्त नागरिकों, राजनैतिक संगठनों और समूचे विश्व में शोषित वर्ग के संघर्ष के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
आज बिहार की राजधानी पटना में अंबेडकर जयंती पर आयोजित हुए राजकीय समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद और नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर बौद्ध भिक्षु और स्कूली बच्चों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। भारी संख्या में महिलाओं ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
मौके पर बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज देश में देश भक्ति की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मुल्क में सभी देश भक्त हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि जो देश भक्त नहीं है उसका कोई समर्थन नहीं करता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर लोगों से कहा कि भले आज बाबा साहब अंबेडकर नहीं है लेकिन उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने लोगों को बताया कि अंबेडकर से प्रेरणा लेना काफी लोगों के लिए बेहतर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के एक करोड़ लोगों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली है। यह बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने ली है शपथ। बिहार में जो लोग शराब की तरफदारी में लगे हैं वैसे लोगों पर तंज कसते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर खुशी का माहौल है। गौरतलब हो कि आज अंबेडकर की जयंती पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाई जा रही है।