पटना। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार पर सीबीआई के छापे पड़ने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके जनता दल (युनाइटेड) ने भले ही चुप्पी साध रखी हो, लेकिन शनिवार को राज्य कांग्रेस इकाई उनके समर्थन में आगे आई।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को भयभीत करने की साजिश रच रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से लड़ाई में वे उनके साथ हैं।
बिहार के तीन शीर्ष कांग्रेस के नेताओं ने यहां पूर्व रेल मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक दिन पहले ही उनके यहां छापा मारा था।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चौधरी, मंत्री अवधेश सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह ने राजद नेता के साथ बंद कमरे में बैठक की और घोषणा की कि कांग्रेस उनके साथ है।
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेस लालू प्रसाद और राजद के साथ है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को भयभीत करने की साजिश रच रही है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी गुजरात में दंगे करवाकर, हजारों बेगुनाह लोगों की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बन गए हैं। हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम भाजपा से लड़ाई के लिए तैयार हैं।
चौधरी ने कहा कि अमित शाह (भाजपा प्रमुख) कौन हैं? वह हत्याओं के मामले में जेल जा चुके हैं, उन्हें हाईकोर्ट ने एक बार गुजरात से बाहर करवा दिया था, लेकिन अब शक्तिशाली हो गए हैं और सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम उनके कारनामों का जनता के सामने पर्दाफाश करेंगे। वहीं, सदानंद ने कहा कि हम लालू के साथ हैं। हम भाजपा की साजिश को समझते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जद (यू) अध्यक्ष नीतीश यहां से 100 किलोमीटर दूर नालंदा जिले के राजगीर में गुरुवार से ही शिविर कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आधिकारिक आवास और अन्य स्थानों पर सीबीआई के छापे पड़ने पर अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।
इसी तरह, जदयू के प्रवक्ता भी इस समय मीडिया से दूरी रख रहे हैं और छापेमारी पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। जेद (यू) नेताओं के मुताबिक नीतीश कुमार राजगीर के विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा में व्यस्त हैं।